शादी की जिद में प्रेमी ने पत्थर से कुचलकर कर दी थी हत्या
चार बच्चों का पिता फिर भी करना चाहता था युवती से शादी
सिवनी। गोंडवाना समय।बंडोल पुलिस ने आदिवासी युवती की बेहरमी से की गई हत्या की गुत्थी 24 घंटे में सुलझा ली है। युवती की बेहरमी से हत्या उसके प्रेमी द्वारा की गई है। हत्या की वजह युवती द्वारा शादी न करना है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर सोमवार को न्यायालय में पेश किया जहां उसे जेल भेज दिया गया है।
महुआ बीनने गई थी युवती जब की थी निर्मम हत्या-
सोमवार 01 अप्रैल को कंट्रोल रूम में एएसपी गोपाल खांडेल ने इस अंधे हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि 30 मार्च को कलारबांकी के जंगल में युवती का शव मिला था। एफएसएल की टीम ने इस मामले में साक्ष्य जुटाकर अज्ञात हत्यारे की छानबीन शुर्स् की। परिजनों ने पुलिस को बताया कि कलारबांकी निवासी रूकमणी कुसमे (26) 29 मार्च को घर से महुआ बीनने के लिए स्वयं के खेत गई थी। इसी दौरान युवती का पीछा करते हुए हाथ में नई साड़ी लेकर गांव का रमनलाल धुर्वे (29) मौके पर पहुंच गया और युवती को आंध्रपदेश चलकर रहने के लिए जिद करने लगा। जब युवती ने मना किया तो उनके बीच विवाद हुआ और फिर गुस्साए प्रेमी रमनलाल ने पत्थर से सिर कुचलकर उसकी हत्या कर डाली।
एएसपी खांडेल ने बताया कि आरोपित रमनलाल पिता सालगराम धुर्वे चार बच्चों का पिता है। पारिवारिक विवाद के बाद रमन की पत्नी उसे छोड़कर 6 माह पहले मायके चली गई थी। जबकि एक बच्चे की मृत्यु हो चुकी है। दूसरा विवाह करने के लिए रमन युवती पर दबाव बना रहा था। युवती को शादी के लिए तैयार करने वह अपने साथ एक साड़ी लेकर जंगल गया था और आंध्रप्रदेश चलकर रहने के लिए युवती को मना रहा था। लेकिन युवती ने साड़ी लेने और शादी करने से मना कर दिया। इस बात पर दोनों के बीच हुए विवाद के दौरान रमनलाल ने सिर पर पत्थर मारकर हत्या कर दी और फिर लाश को सूखे पत्तों में छिपाकर गांव लौट आया।
एएसपी खांडेलकर ने बताया कि हत्या के बाद एसडीओपी संजीव पाठक की टीम रात भर आरोपी की पतासाजी में जुटी थी। वहीं दो आरक्षकों को सिविल में लगा दिया गया था। तड़के जब रमनलाल गांव के पास खेत की मेढ़ से जा रहा था तभी आरक्षकों ने संदेह के आधार पर उसे हिरासत में लिया और फिर जब उससे पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इस हत्याकांड का पदार्फाश करने में एसडीओपी संजीव कुमार पाठक के मार्गदर्शन में बंडोल थाना प्रभारी, एएसआई जीएस राजपूत, महेश धुर्वे, एलएस ठाकुर, आरक्षक सुधीर डहेरिया,महिला आरक्षक मालती डहेरिया, सैनिक सुनील डहेरिया और सुरक्षा समिति के सदस्य सुक्कूलाल धुर्वे, राजेश बघेल व हेमंत राय का योगदान रहा।