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जल्द मिलेगी क्रिटिकल एंबुलेंस की सुविधा

जल्द  मिलेगी क्रिटिकल एंबुलेंस की सुविधा

सिवनी। गोडवाना समय।
जिला अस्पताल में बनाए गए ट्रामा सेंटर को शुर्स् करने जिला प्रशासन ने कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। शनिवार सुबह संवेदनशील कलेक्टर प्रवीण सिंह अढ़ायच ने अस्पताल का दौरा का ट्रामासेंटरशुरू करने में आ रही दिक्कतों के बारे में डॉक्टरों से जानकारी ली। नेशनल हाईवे में  हो रहे  हादसों में गंभीर घायलों के बेहतर इलाज  के लिए  बनाए गए ट्रामासेंटर की कमियों को दूर करने कलेक्टर ने स्वास्थ्य  विभाग के  वरिष्ठ अधिकारियोें  से चर्चा की है। मशीनों की कमी व डॉक्टरों की तैनाती के लिए जिलेवासियों को आचार संहिता समाप्त होने का इंतेजार करना पड़ेगा। वरिष्ठ अधिकारियों ने संवेदनशील कलेक्टर प्रवीण सिंह को आचार संहिता समाप्त होने के बाद ट्रामासेंटर के लिए  शेष बची करीब 45 लाख र्स्पए की मशीनें व मैन पॉवर उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है। गंभीर घायलों को नागपुर मेडिकल पहुंचाने क्रिटिकल केयर एम्बुलैंस जल्द शुर्स् करने पर स्वास्थ्य विभाग  ने जिला स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। अगले 10-15 दिनों में इसकी सुविधाएं मिलने लगेगी।

ट्रामा में नहीं पहुंचे उपकरण, डॉक्टरों की नियुक्ति भी अटकी 

निरीक्षण के दौरान संवेदनशील कलेक्टर प्रवीण सिंह ने सीएमएचओ केसी मेश्राम, सिविल सर्जन विनोद नावकर व अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ चर्चा कर कमियों के बारे में जानकारी ली। सिविल सर्जन डॉ विनोद नावकर ने कलेक्टर को बताया कि अस्पताल में एल-थी्र लेवल का ट्रामासेंटर बनाया गया है। निर्माण के बाद यहां पर जरूरी उपकरण (मशीनें) नहीं पहुंचे हैं। 75 लाख की मशीनें ट्रामासेंटर में लगाई जानी थी। अभी तक 30 लाख की मशीनें ही आई हैं। 45 लाख की मशीनें आना बाकी है। वहीं 12 डॉक्टरों की टीम और मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति ट्रामासेंटर के लिए होनी थी। इसकी कार्रवाई भी सालों से अटकी हुई है। इस मामले में कलेक्टर प्रवीण सिंह ने चिकित्सा विभाग के स्वास्थ्य आयुक्त नितेश व्यास से मोबाइल पर चर्चा कर उनसे  ट्रामासेंटर की कमियों को दूर करने  का आग्रह किया। इस पर स्वास्थ्य आयुक्त ने आचार संहिता समाप्त होते ही मशीनें व मेनपॉवर उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है।

एनएच 7 पर होते हैं हादसे

खवासा से धूमा तक एनएच 7 का बड़ा हिस्सा जिले में होने के कारण गंभीर हादसों के दौरान घायलों को समय पर इलाज जिले में नहीं मिल पाता है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण लोगों को इलाज के लिए नागपुर, जबलपुर व अन्य महानगरों पर आश्रित होना पड़ता है। शुक्रवार को एनएच 7 पर स्थित राहीवाड़ा में हादसे के बाद गंभीर सीआरपीएफ महिला कांस्टेबल को जिला अस्पताल में वेंटीलेटर की सुविधा नहीं मिल पाई थी। वहीं  क्रिटिकल केयर एम्बुलेंस जिले में ना होने की वजह से जिला प्रशासन को नागपुर से वाहन बुलाना पड़ा था। इस दौरान कलेक्टर प्रवीण सिंह व एसपी ललित शाक्यवार द्वारा महिला कांस्टेबल के लिए हर मुमकिन कोशिश की गई थी।  इसके बावजूद समय पर इलाज ना मिलने के कारण महिला कांस्टेबल ने नागपुर में दम तोड़ दिया था। इस घटना ने  अस्पताल  की कमियों व अव्यवस्थाओं को सामने ला दिया था। शनिवार को निरीक्षण के दौरान कलेक्टर प्रवीण सिंह ने डॉक्टरों को ओपीडी में तय समय तक रहकर मरीजों का इलाज करने की भी हिदायत दी।

ट्रामासेंटर की कमियों को दूर करने के लिए अस्पताल प्रबंधन व डॉक्टरों से चर्चा की गई है। भोपाल के स्वास्थ्य अधिकारियों को भी इस बारे में अवगत कराया गया है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद इसे शुरू किया जा सकेगा। क्रिटिकल केयर एम्बुलैंस की सुविधा जिला अस्पताल में उपलब्ध कराने कार्रवाई की जा रही है।
प्रवीण सिंह अढ़ायच कलेक्टर सिवनी

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