आठ में से पांच विकासखंडों में नहीं दमकल
सिवनी। गोंडवाना समय।जिले के 8 में से 5 विकसखंडों में एक भी दमकल वाहन नहीं है। जिले के 1645 गांवों की तकरीबन 14 लाख की आबादी के लिए केवल 6 दमकल वाहन उपलब्ध हंै। सिवनी, बरघाट और लखनादौन में ही 2-2 दमकल वाहन मौजूद हैं। ऐसे में लंबी दूरी में आग लगने की घटना होने पर जब तक दमकल वाहन मौके पर पहुंचता है तब तक बड़ा नुकसान हो जाता है। गर्मी की दस्तक के साथ ही आग लगने की घटनाएं बढ़ गई हैं, लेकिन इस पर
काबू पाने की सुविधाएं नहीं बढ़ पाई है। मुख्यालय में नपा के पास मौजूद दमकल खस्ताहाल हो चुके हैं जो कई बार घटनास्थल में पहुंचने से पहले ही खराब होकर बीच सड़क में खड़े हो जाते हैं।
पहुंचने से पहले खाक हो जाती है फसलें
सिवनी नगरपालिका में वर्षो पूर्व दो दमकल वाहन खरीदे गए थे। पालिका की तीसरी दमकल शहर की प्रकाश व्यवस्था में लगी रहती है। मेंटनेंस में भारी खर्च के चलते वाहन जर्जर हो चुके हैं। बीच रास्ते में गाड़ी बिगड़ जाए यह कहा नहीं जा सकता है। बरघाट और लखनादौन में भी दो-दो फायरबिग्रेड वाहन की व्यवस्था है जो दयनीय हालत में हैं। जब तक ये वाहन दूसरे विकासखंडों में आग बुझाने के लिए पहुंचे तब तक अन्नदाताओं की फसलें जलकर खाक हो जाती है।अप्रशिक्षित हैं कर्मी
नियमानुसार दमकल वाहन में प्रशिक्षित कर्मचारियों (फायर फाइटर) होना आवश्यक है लेकिन नगर सहित जिले की बात की जाए तो दमकल वाहन के साथ आग बुझाने के लिए कर्मचारी प्रशिक्षित नहीं है। कहीं आग लगने पर प्रशिक्षित कर्मचारियों की कमी खुलकर सामने आती है। मौजूद नागरिकों को आग बुझाने में मदद करनी पड़ती है।इन विकासखंडों में नहीं है दमकल
जिले के आठ विकासखण्ड में से पांच विकासखंड केवलारी, धनौरा, घंसौर, कुरई और छपारा ब्लाक में एक भी दमकल वाहन नहीं है। जिले के 1645 गांवों में होने वाली आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए पूरे जिले में मात्र छह दमकल वाहन उपलब्ध हैं। स्थानीय नगरपालिका, बरघाट और लखनादौन नगरपरिषद के पास दो-दो दमकल वाहन उपलब्ध हंै।देर से पहुंचती है दमकल
जिले के दूरस्थ स्थानों में होने वाली बड़ी आगजनी की सूचना तत्काल कंट्रोल रूम में दी जाती है। सूचना के बाद दमकल वाहन घटना स्थल के लिए रवाना तो होता है लेकिन तब तक स्थानीय लोग ही आग पर काबू पा लेते हैं। अनेक ऐसी स्थिति भी निर्मित होती है जब आग से बड़ी हानि हो जाने के बाद दमकल मौके पर पहुंचती है। दमकल वाहनों की कमी और गांवों की दूरी अधिक होने से यह स्थिति बनती है।इसके काम आती है दमकल
आम तौर पर त्यौहारों के दौरान मंदिर और सड़क की साफ सफाई के लिए पानी डालने, अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के घरों में पानी न आने की दशा में वहां पानी की व्यवस्था करने और ऐसे ही अन्य कार्यों के लिए दमकल वाहन का उपयोग होते देखा जा सकता है। जबकि दमकल वाहन आग पर काबू करने के लिए है। इसके विपरीत इस जिले में दमकल वाहन का उपयोग आग बुझाने में कम और अन्य कार्यों में ज्यादा होता है।होती है परेशानी इस संबंध में सिवनी नगरपालिका, लखनादौन और बरघाट नगर पंचायत के सीएमओ का कहना है कि सूचना मिलते ही दमकल वाहन को घटना स्थल के लिए रवाना कर दिया जाता है। एक दिन में एक से अधिक अग्निकाण्ड होने या लंबी दूरी में आगजनी की घटना होने पर ही थोड़ी परेशानी होती है।
आठों ब्लाकों में गंभीर स्थिति
जिले के आठ ब्लाकों में मात्र तीन ब्लॉकों में 6 दमकल वाहन होना बड़ी ही गंभीर स्थिति है। लखनादौन, बरघाट या सिवनी से 30 किमी दूरी पर आगजनी की घटना घटती है तो 45 मिनिट तो पहुंचने में लग जाता है। कई बार तो यह स्थिति भी बनी है कि एक स्थान पर आगजनी की घटनाएं होने के बाद दूसरी अन्य घटना में दमकल वाहन नहीं मिल पाते या देर से पहुंच पाते है। इतना ही नहीं बगैर सुरक्षा किट और बगैर प्रशिक्षित अमले के यहां सेवाएं दी जा रही हैं। नगरपालिका, नगरपरिषद दमकल वाहन की खरीदी कर सकते हैं। ग्राम पंचायतों के पास इतना बजट नहीं होता है।इनका कहना है
जिले के लिए दो दमकल वाहन उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि समस्या कुछ हद तक कम हो सके।
प्रवीण सिंह अढ़ायच कलेक्टर सिवनी