खामखरेली की पुलिया निगल गई 338 डम्पर मुरम,1342 बोरी सीमेंट!
तीन रो की पुलिया एक और दो रो की बनाई गई
सिवनी। गोंडवाना समय।
जनपद पंचायत सिवनी की ग्राम खामखरेली में बनाई गई दोनों पुलिया 338 डम्पर मुरम, 1342 बोरी सीमेंट,36 डम्पर गिट्टी, 8 डम्पर रेत निकल गई है। मनरेगा का पोर्टल खुद बयां कर रहा है। जबकि मैदानी स्थल पर जाकर बनाई तकरीबन 27 लाख रुपए से ज्यादा की बनाई गई इन पुलियों पर गौर फरमाऐं तो तकनीकी स्वीकृति की धज्जियां उड़ा दी गई है। वहीं जितना मटेरियल के नाम से पैसा निकाला गया है उस हिसाब से तो पुलिया में मटेरियल ही नजर नहीं आ रहा है। साफतौर पर पुलिया में जमकर भ्रष्टाचार नजर आ रहा है लेकिन तकनीकी अधिकारी और जिले में मनरेगा के कर्णधार अफसर चुप बैठे हैं।
एक पुलिया में 136 डम्पर और दूसरी पुलिया में 202 डम्पर मुरम-
खामखरेली पंचायत के ग्राम डुंगरिया में सिहोरा रोड पर 13.67 लाख रुपए और डुंगरिया गांव पहुंच मार्ग पर 13.58 लाख रुपए की लागत से तीन-तीन रो की स्वीकृत पुलिया एक सिहोरा मार्ग पर एक रो की पुलिया बनाई गई है। टीएस 994 नंबर की पुलिया में लगभग 136 डम्पर मुरम का उपयोग और 667 बोरी सीमेंट का उपयोग बताकर बिल निकाला गया है। जिसमें मुरम का बिल 1.83 लाख रुपए निकला है जो पोर्टल में दिखाई दे रहा है। जबकि यहां पर रेत 7 से 8 डम्पर और गिट्टी 22 डम्पर का मूल्यांकन कर पंचायत द्वारा ठेकेदार के खाते में भुगतान किया गया है। इसी तरह 993 टीएस नंबर की पुलिया में एक रो यानी तीन पाइप लगाकर तकरीबन 200 डम्पर मुरम और 24 डम्पर गिट्टी व 675 बोरी सीमेंट का बिल निकल गया है। जबकि पोर्टल में गौर करें तो रेत का कोई बिल नहीं है। यानी साफतौर पर स्पष्ट होता है कि इस पुलिया में रेत का कहीं भी उपयोग नहीं किया गया है। सबसे खास बात यह है कि 200 डम्पर मुरम बताकर ठेकेदार को ढाई लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान भी पंचायत और इंजीनियर ने आसानी से कर दिया है। अब जब मामला मीडिया के सामने आ गया है तो इंजीनियर अपने बचाव में वरिष्ठ अधिकारियों व ठेकेदार द्वारा दबाव देने की बात कही जा रही है।
जांच हो जाए तो खूल जाएगी तिकड़ी की पोल-
जिला पंचायत सीईओ खामखेरली पुलिया की जांच करा ले तो पुलिया में हुए जमकर भ्रष्टाचार और तिकड़ी की पोल खुल जाएगी। पुलिया के भ्रष्टाचार में पंचायत के सरपंच-सचिव,इंजीनियर,ठेकेदार और उसके अलावा किसका क्या रोल है सबका सच सामने आ जाएगा। कितनी मुरम,सीमेंट और गिट्टी उपयोग हुई है उसकी हकीकत भी मैदानी स्तर पर पुलिया की जांच करके पता चल जाएगा।