Type Here to Get Search Results !

उप संचालक की हठधर्मिता से 20 वी पशु संगणना नहीं हो पा रही आनलॉइन

उप संचालक की हठधर्मिता से 20 वी पशु संगणना नहीं हो पा रही आनलॉइन 

राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले 20 वी पशु संगणना कार्यक्रम उप संचालक पशु चिकित्सा सिवनी के विभागीय प्रमुख अधिकारियों की हठधर्मिता के चलते पूर्ण नहीं हो पा रही है और विभाग प्रमुख उप संचालक सहित नोडल अधिकारी अपनी लापरवाही का ठीकरा प्रगणकों और सुपरवाईजरों पर फोड़ रहे है । इतना ही नहीं विभाग प्रमुख उप संचालक और नोडल अधिकारी पशु संगणना के संबंधे में होने वाली विभागीय बैठकों में अभद्रता के साथ अमर्यादित भाषा का उपयोग कर प्रगणकों और सपुरवाईजरों को अपमानित करने का काम भी कर रहे है। 

सिवनी। गोंडवाना समय।
भारत सरकार द्वारा पूरे देश भर में 20 वी पशु संगणना कार्यक्रम के तहत अभियान चलाया जा रहा है लेकिन विभाग के प्रमुख अधिकारियों के लापरवाही के चलते उक्त योजना सिवनी जिले जैसे ही पूरे देश में फेल होती नजर आ रही है । हम आपकों बता दे कि उक्त पशु संगणना अभियान को वर्ष 2017 में ही पूर्ण हो जाना था लेकिन भारत सरकार के द्वारा इस पर नवाचार करते हुये इसे बढ़ाकर दिसंबर 2018 किया गया था ।
भारत सरकार डिजिटल इण्डिया के तहत 20 वे पशु संगणना कार्यक्रम को आॅनलाईन के तहत करवाया जा रहा था लेकिन दिसंबर 2018 में भी यह कार्य पूरा नहीं हो पाया तो इसे पुन: 31 मार्च 2019 तक के लिये बढ़ा दिया गया था । इसे प्रथम बार तो आॅन लाईन किया जाना था लेकिन पशु संगणना का कार्य सिवनी जिले में पूर्ण नहीं हो पाया इसके लिये फिर 30 अप्रैल 2019 तक समय बढ़ाया गया । इसके बाद भी विभागीय प्रमुख की लापरवाही और लिये गये निर्णय के चलते अब यह कार्य आॅनलाईन नहीं हो पा रहा है।

1 हजार का वाऊचर लेकिन दिये 500 रूपये का बैलेंस और राशि हो गई लैप्स 

भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 20 वी पशु संगणना कार्यक्रम को आॅनलॉइन करने के लिये सिवनी जिले में 91 लोगों को इस कार्य के लिये सिम उपलब्ध करवाई गई थी जिसमें 76 प्रगणक और 15 सुपरवाईजर शामिल थे और इसके लिये प्रत्येक सिम के साथ 1 हजार रूपये का वैलेंस भी उपलब्ध करवाया जाना था लेकिन उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं सिवनी विभाग द्वारा मात्र 500 रूपये का ही बेलैंस उपलब्ध करवाया गया था । जिसके आॅनलॉइन करने में 500 रूपये का बैलेंस समाप्त होने के बाद आॅनलॉइन पशु संगणना का कार्यक्रम नहीं हो पाया जिसे उप संचालक द्वारा आॅफलॉइन करवाया गया लेकिन भारत सरकार उक्त कार्यक्रम को आॅनलॉइन करवाने का नियम था अब वह कार्य आॅनलाईन नहीं पा रहा है । वहीं 1000 रूपये के स्थान पर 500 का ही बेलैंस देने के कारण बची राशि 500 रूपये भी लैप्स हो गई है और आॅनलाईन पशु संगणन का कार्यक्रम अधर पर लटक गया है । जबकि यह राशि विभाग को 2018 में ही उपलब्ध करवा दी गई थी लेकिन इसे संबंधित कर्मचारियों को वर्ष 2019 में प्रदाय किया गया ।

गौ सेवकों और एलआरपी को नहीं मिल रहा मानदेय

हम आपको बता दे कि उप पशु चिकित्सा विभाग में विभागीय कार्य के लिये गौ सेवकों को एलआरपी यानि स्थानीय कार्यकर्ताओं की रखा गया था लेकिन उन्हें भी मानदेय नहीं मिलने के कारण वे तो आॅनलॉइन पशु संगणना कार्यक्रम में अपनी भूमिका निभा नहीं पा रहे है वहीं जो सक्षम है वे विभाग के प्रमुख अधिकारी के आदेश के चलते अपने पास से बेलैंस डलवाकर कार्य करने के लिये मजबूर है लेकिन इसके बाद भी आॅफलॉइन से आॅनलॉइन में दिक्कत परेशानी आ रही है ।

अपमानित करते है उप संचालक व नोडल अधिकारी

भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना 20 वी पशु संगणना कार्यक्रम में उप संचालक पशु चिकित्सा विभाग के प्रमुख उप संचालक डॉ पी के शर्मा और नोडल अधिकारी डॉ मनीष शेंडे के द्वारा उक्त संबंध में होने वाली विभागीय बैठकों में जो प्रगणक और सुपरवाईजर आते है तो उन्हें पशु संगणना कार्यक्रम में की लापहवाही के लिये जिम्मेदार ठहराते हुये उनके सिर पर ठीकरा तो फोड़ ही रहे है साथ में उन्हें बैठकों में अमर्यादित भाषा का उपयोग कर बैठक में अपमानित भी कर रहे है । जबकि सूत्र बताते है कि पशु संगणना कार्यक्रम में लापरवाही के लिये प्रमुख रूप से ये ही जिम्मेदार है ।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.