ठेकेदारों के साथ अफसरों ने 152.55 करोड़ की लगाई चपत
कैग रिपोर्ट में हुआ खुलासा,अफसरों ने की मनमानी
सिवनी। गोंडवाना समय।पेंच व्यपवर्तन योजना के निर्माण कार्य में ठेकेदार और जिम्मेदार अफसरों ने सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाकर सरकार का 125.55 करोड़ रुपए का चूना लगा दिया है। यह खेल सिवनी शाखा नहर निर्माण में विस्तृत सर्वेक्षण और मैदानी जांच में चला है जहां बिना त्रुटिपूर्ण तकनीकी स्वीकृति कर दी। (कंट्रोलर एंड आॅडिटर जनरल) कैग की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। जांच पड़ताल में पाया गया कि अधिकारियों ने
नहर निर्माण कम्पनी के ठेकेदारों पर मेहरबानी दिखाकर बिना जांच के पूरा काम कर दिया ।
जरूरी है प्राक्कलन तैयार करना
मप्र कार्य विभाग की नियमावली के अनुसार जब सर्वेक्षण पूर्ण हो जाता है और अंतिम संरेक्षण का निरीक्षण और अनुमोदन ईई(कार्यपालन यंत्री) द्वारा कर लिया जाता है तब सक्षम अधिकारी द्वारा विवेकपूर्ण मैदानी जांच कर और स्वीकृति मिलने के बाद आयोजनाएं और प्राक्कलन वास्तविक रूप से तैयार किए जाने के नियम है लेकिन सिवनी शाखा नहर निर्माण के दौरान अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया। बिना जांच पड़ताल और सर्वे के काम मनमानी से कराते गए।नीचे से लेकर ऊपर तक जिम्मेदार
कैग के अनुसार जिस सिवनी शाखा नहर का काम152.55 करोड़ में नियम विपरीत कराया उसमें मुख्य अंभियंता(सीई),अधीक्षण यंत्री(एसई), अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ)और मानचित्रकार जिम्मेदार थे। कार्य की कुल मात्रा की गणना करने के लिए 30 मीटर नहर की लंबाई के लिए प्रत्येक मद की मात्रा को निकालकर और उसके बाद उसे नहर की लंबाई से गुणा करते हुए बिना किसी औचित्य के आनुपातिक आधार पर प्राक्कलन तैयार किया गया था। पूरी नहर की लंबाई के लिए प्राक्कलन में रोलर्स के साथ मिट्टी कार्य के कांपेक्शन के लिए 48.24 लाख का प्रावधान शामिल किया गया था। साथ ही प्राक्कलन में नहर की लंबाई में टैंपिंग के लिए 1.08 करोड़ का प्रावधान शामिल था।स्वेलिंग प्रेरश परीक्षण क संचालन के द्वारा आवश्यक्ता का निर्धारण किए बिना नहर की पूरी लंबाई में सीएनएस के रूप में हार्ड मुरम के साथ नींव भरने का प्रावधान तैयार किया गया। प्राक्कलन में 15.07 करोड़ के सीएनएस के कार्य शामिल थे।
एलडीपीई फिल्म के लिए 2.86 करोड़ का अवांछनीय प्रावधान संपूर्ण नहर के लिए प्राक्कलन तैयार किया था जबकि लाइनिंग को पेवर मशीन के माध्यम से प्रावधानित किया गया था। कैग की रिपोर्ट के अनुसार टर्न की अनुबंध में टैंपिंग, सीएनएस और एलडीपीई फिल्म के लिए 19.1 करोड़ की अनावश्यक मदों को शामिल करने के परिणाम स्वरूप मुख्य अभियंता द्वारा तकनीकी स्वीकृति त्रुटिपूर्ण हुई। माप पुस्तिका में विस्तृत मापों के प्रविष्ट न होने के कारण इन मदों के वास्तविक क्रियान्वयन को तय नहीं किया जा सका। जबकि इस मामले में एसई, ईई और एसडीओ को आरोप पत्र जारी किए गए थे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
निरीक्षण कर देखूंगा कहा घपला हुआ
पेंच परियोजना महत्वाकांक्षी योजना है। इसके लिए मैं खुद निरीक्षण करने आऊंगा। अगर नहर में निर्माण में गड़बड़ी हुई है तो उसकी जांच कराकर कौन-कौन दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।हुकुम सिंग कराड़ा, जलसंसाधन मंत्री, मप्र शासन भोपाल