बैलगाड़ी में बारात 14 किलोमीटर दूर से दूल्हन लेकर लौटे बाराती
सिवनी। गोंडवाना समय।
पुरानी परंपरा को बरकरार रखते हुए सजी बैलगाड़ियों में दुल्हन को लेने 14 किमी दूर बरघाट के छपारा से लालपुर पहुंची दुल्हे की बारात को देख लोगों की पुरानी यादें ताजा हो गईं। आधुनिकता को पीछे छोड़ बरघाट के छपारा गांव निवासी जागेश्वर सोनवाने के पुत्र संजय की इस अनोखी बारात के बेड़े में 9 बैलगाड़ियां शामिल हुई। बैलों को आकर्षक परिधान और उसके पिछले हिस्से (खाचर) को बारात के लिए विशेष तौर पर सजाया गया। बैलगाड़ियों के आगे ढपली और बाजे वालों को देख कुछ समय के लिए क्षेत्रवासी हैरान हो गए। लेकिन जब उन्होने बैलगाड़ी में सवार दुल्हे और परिजनों को देखा तो लोगों की पुरानी यादें ताजा हो गईं।
14 किमी का सफर तय कर सोमवार की रात बैलगाड़ियों से दुल्हा व बाराती छपारा से लालपुर गांव पहुंचे। यहां विवाह संस्कार व बिदाई के बाद मंगलवार सुबह दुल्हन को साथ लेकर इन्हीं बैलगाड़ियों से बारात वापस छपारा गांव लौटी। बैलगाड़ी में सवार दुल्हे संजय व दुल्हन कल्पना को देख लोगों ने परिवार के इस कदम को सहारा। दुल्हे के पिता जागेश्वर ने बताया कि परंपराओं को जीवंत रखने उन्होंने इस तरह से अपने बेटे की बारात निकाली है।