नहर में निकल रहे पत्थर को बेच रहे ठेकेदार,कैनाल पर बोल्डर
लोनिया परतापुर कैनाल मेंटेना ने भर दिया बोल्डर
सिवनी। गोंडवाना समय।
पेंच परियोजना के अंतर्गत नहर निर्माण के दौरान निकल रहे पत्थरों को जहां मेंटेना कम्पनी के ठेकेदार सरकार को चूना लगाकर बेच रहे हैं। वहीं परतापुर गांव के पास बनाई गई दो नंबर नहर की कैनाल में बोल्डर और पत्थर भरकर घटिया निर्माण कर दिया गया है। एक तरफ जहां ब्लास्टिंग की परमिशन ली गई है। वहीं दूसरी तरफ पेंच परियोजना के अधिकारी और मेंटेना कम्पनी नहर खुदाई में सिर्फ मुरम दर्शा रही है। सबसे खास और अहम बात तो यह है कि एनएचआई से बिना परमिशन और बिना डिजाइन के कैनाल निर्माण कर रहे हैं। ऐसे में पेंच परियोजना के तकनीकी अमला के साथ मिलकर मेंटेना कम्पनी नहर की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है। तकनीकी सूत्रों का मानना है कि नहर की कैनाल भविष्य में किसानों और जल संसाधन विभाग के लिए मुसीबत बनेगी।
पत्थर बेचकर लाखों का खेल,सरकार को चूना

एनएच सेवन पर नगझर जेल के ठीक बगल से मेंटेना कम्पनी कैनाल का निर्माण कर रही है। मुरम के बाद वहां पर भारी मात्रा में पत्थर निकल रहे हैं। सैकड़ों डम्पर पत्थर निकल चुके हैं। जिन्हें पेंच परियोजना के अफसरों और ठेकेदार मिलकर नहर से निकल रहे उन सरकारी पत्थरों को शासन को चूना लगाते हुए बेच दे रहे हैं। नहर के निर्माण के दौरान जो पत्थर निकल रहे हैं अगर वे नहर में उपयोगी नहीं है तो उन्हें शासकीय तौर पर निलाम कर राशि को शासन के खातों में जमा कर देना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। सबसे खास बात तो यह है कि खनिज विभाग की आंखों के सामने उन पत्थरों का डम्परों में परिवहन हो रहा है लेकिन खनिज विभाग भी रायल्टी नहीं वसूल रहा है। साफ नजर आता है नहर निर्माण कम्पनी अर्थ भरी पुड़िया से कलेक्टर कार्यालय खनिज विभाग के अफसरों की मुंह बंद कर दे रहे हैं जिसकी वजह से कलेक्टर कार्यालय खनिज विभाग भी ध्यान नहीं दे रहा है। वहीं मेंटेना के प्रोजेक्ट मैनेजर रमेश जिलानी पत्थर बेचने से साफ इंकार करते हुए डम्प करने की बात कह रहे हैं। वहीं जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री अनिल सिंग कहते हैं कि ठेकेदार से अनुबंध में ही लिखा हुआ है कि खुदाई में जो पत्थर निकल रहे हैं उसकी राशि उनसे कटौती कर लेने की बात कर रहे हैं। हालांकि अब तक कितनी राशि उनसे कटौती की गई नहीं बता पा रहे हैं।
कर रहे ब्लास्टिंग,सरकार को कर रहे गुमराह
नहर निर्माण कम्पनी मेंटेना के ठेकेदार सिवनी विकासखंड में नहर निर्माण कार्य के दौरान जगह-जगह ब्लास्टिंग कर रहे हैं। ब्लास्टिंग की अनुमति भी ली गई है इसके बावजूद जलसंसाधन विभाग के अधिकारी आखिर क्यों नहर कार्य के दौरान पत्थर निकलने की बात स्वीकार नहीं कर रहे हैं। क्यों वे शासन को गुमराह करते हुए निकल रहे पत्थरों को बेचकर सरकार को लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं।
बिना डिजाइन और बिना परमिशन के काम
पेंच परियोजना से ही जुड़े तकनीकी सूत्र बताते हैं कि मेंटेना कम्पनी हाइवे में जो कैनाल का काम कर रही है उसके लिए एनएचआई से कोई परमिशन नहीं ली गई है। वहीं दूसरी तरफ बिना डिजाइन के कैनाल निर्माण का काम किया जा रहा है। बताया जाता है कि अधिकारी विरोध तो कर रहे हैं लेकिन मेंटेना कम्पनी तगड़ी राजनैतिक सेटिंग के कारण अधिकारी-कर्मचारी पर दबाव बनाकर जबरन भुगतान करवा रहे हैं।
तो किसानों के खेत होंगे बर्बाद
मेंटेना कम्पनी के ठेकेदार ने परतापुर दो नंबर कैनाल में बोल्डर पत्थर डाल दिया है। जबकि नियमानुसार मिट्टी और मुरम से पिचिंग करना है। ऐसे में भविष्य में नहर की कैनाल से पानी सीपेज मारेगा और किसानों का खेत बर्बाद करेगा। इस संबंध में जब पेंच परियोजना के एसडीओ संतकुमार सिरसयाम से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी को जानकारी दे दी है। अधिकारी मौके पर गए भी हुए थे लेकिन ठेकेदार कभी इधर तो कभी उधर छोड़-छोड़कर काम कर रहे हैं जिससे ठेकेदार नहीं मिले। हालांकि उनका यह भी कहना है कि ठेकेदार से कैनाल दुरूस्त कराई जाएगी। वहीं पत्थर बेचने व लापरवाही पूर्वक निर्माण किए जाने के संबंध में पेंच परियोजना के ईई राजू फिरके को फोन लगाया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।