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मनरेगा से गांव-गांव में बढ़ेगा जल स्तर,जलक्रांति के साथ आएगी हरितक्रांति

मनरेगा से गांव-गांव में बढ़ेगा जल स्तर,जलक्रांति के साथ आएगी हरितक्रांति

जल संरक्षण को लेकर गांव-गांच में चल रहे कई काम

सिवनी। गोंडवाना समय।
मजदूरों को रोजगार देकर संबल और आत्मनिर्भर बनाने वाली मनरेगा योजना अब गांव-गांव में जल स्तर बढ़ाने की कवायद में जुट गई है। शासन की मंशा को साकार करने और जलक्रांति के साथ-साथ हरित क्रांति लाने के लिए मनरेगा योजना के तहत जिले में सैकड़ों की संख्या में जल संरक्षण के निर्माण कार्य जारी हैं। जिसमें जिले की सिवनी जनपद पंचायत के अंतर्गत ही जल संरक्षण के लिए 622 निर्माण कार्य चल रहे हैं। वहीं 725 निर्माण कार्य स्वीकृत और कर दिए गए हैं।

खेत,नाला,कुंआ,तालाब में संरक्षित होगा पानी

लोग पानी का अंधाधुंध उपयोग कर रहे हैं। जरूरत से ज्यादा पानी को ब्यर्थ बहा रहे हैं लेकिन जल संरक्षण को लेकर कोई पहल नहीं कर रहे हैं।  ऐसे में सरकार ही जल संरक्षण के लिए कदम उठाते हुए अब मनरेगा से पंचायतों में पक्के निर्माण कार्य बंद कर जलसंरक्षण के कार्य करवा रही है। जल संरक्षण के कार्य कराए जाने से एक तो गांव के लोगों को मजदूरी भी मिल रही है।
वहीं गांव में धरोहर निर्माण के साथ-साथ वाटर लेवल बढ़ाने का पुनीत कार्य उनके हाथों से हो रहा है। सबसे खास बात तो यह भी कह सकते हैं कि कैसे पानी को बचाना है उनमें शासन के माध्यम से जागरूकता भी आ रही है। सरकार किसानों के खेतों से लेकर नाला,सरकारी और बेकार पड़ी हुई जमीन तक में पानी का संरक्षण करना चाह रही है।
इसलिए किसानों के खेतों में मेढ़ बंधान,खेत तालाब,निर्मल नीर के तहत कुंआ बनाने का काम कर रही है। वहीं कंटुर टेंच,नाला  बंधान, नवीन तालाब, परकुलेशन तालाब, तालाबों का मरम्मतीकरण,गहरीकरण,नवीन स्टापडेम,स्टापडेम मरम्मत सुधार सहित सीपीटी,सोकपिट का निर्माण गांव-गांव में कर रही है।

622 प्रगृतिरत 725 नये स्वीकृत

वैसे तो जिले की आठों जनपदों की 645 ग्राम पंचायतों में गौर फरमाएं तो सैकड़ों की संख्या में जल संरक्षण का काम चल रहा है। जिसमें जनपद पंचायत सिवनी के अंतर्गत 625 निर्माण कार्य निर्माणधीन है। वहीं जल संरक्षण के ही 725 निर्माण कार्य स्वीकृत हुए हैं। चल रहे निर्माण कार्यो में कंटर ट्रेंच 104, मेढ़बंधान 90,खेत तालाब 26,गोबियन स्ट्रेक्चर 02,नाला बंधान 76,नवीन तालाब 14,परकुलेशन तालाब 80,तालाब मरम्मत,गहरीकरण 89,नवीन स्टॉप डेम 02,स्टापडेम मरम्मत  सुधार 09,सीपीटी 62,सोकपिट 30,निर्मल नीर के 38 निर्माण कार्य चल रहे हैं।

सूखाग्रस्त देखते हुए कारगर हो सकते हैं इस तरह के कार्य

पिछले तीन-चार सालों में बारिश कम होने के कारण जिले को सूखाग्रस्त बना हुआ है। ऐसे में जिले में संरक्षण के कार्य की बेहद आवश्यकता थी। जनपद पंचायत की सीईओ सुमन खातरकर बताती है कि जिले में चल रहे जल संरक्षण के कार्य से निश्चिततौर पर आगामी समय में जिले को पानी की किल्लत न होने की संभावना है। लोगों को भी आकर अपने घरों के आसपास और खेतों में सोखपिट बनाकर पानी का जल संरक्षण करना चाहिए। अगर वास्तव में लोगों में पानी के संरक्षण की जागरूकता आ गई तो गांव का पानी गांव में और शहर का पानी शहर में ही रहेगा।

इनका कहना है..

हम शासन की मंशा के साथ-साथ व्यक्तिगत  रूची लेकर जल संरक्षण के कार्यो को समय सीमा में पूर्ण कराने का प्रयास किया जा रहा है। और निर्माण कार्यो की अमले के साथ-साथ निरीक्षण किया जा रहा है।
एसके जाटव, एई जनपद पंचायत सिवनी

जल संरक्षण से जुड़े हुए कार्यो में एक तो पक्के काम नहीं हो रहे हैं। इससे अधिक से अधिक मजदूरों को काम मिल रहा है और मटेरियल में पैसा खर्च नहीं हो रहा है। जिससे मनरेगा का रेशो भी मेंटनेंस हो रहा है। वहीं जल संरक्षण के लिए भी एक अच्छा काम है।
मंजूषा विक्रांत राय,सीईओ जिला पंचायत सिवनी

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