Type Here to Get Search Results !

गांव वालों की भविष्यवाणी पौधरक्षक ने कर दिया मिथ्या,लहलहा रहे पौधे

गांव वालों की भविष्यवाणी पौधरक्षक ने कर दिया मिथ्या,लहलहा रहे पौधे

चंदनवाड़ा कला की नर्सरी बयां कर रही पौधरक्षक का पेड़ो के प्रति प्रेम

सिवनी। गोंडवाना समय। 
यह तो शराबी है। क्यों पौध रक्षक बना रहे हो। सारे पौधे मर जाएंगे। यह भविष्यवाणी जनपद पंचायत सिवनी के ग्राम पंचायत चंदनवाड़ा  के ग्रामीणों ने राधेलाल डोमने को पौध रक्षक बनाते समय कही थी,लेकिन राधेलाल डोमने ने गांव वालों की भविष्यवाणी को मिथ्या कर अपनी लगन और मेहनत से पौधों को लहलहा दिया है। पौधों के प्रति उसकी लगन से  200 की नर्सरी में कुछेक कम 300 फलदार पौधे लहलहा रहे हैं। पौधरक्षक ने पौधों को जीवित रखने के साथ-साथ बूंद-बूंद पानी और कोना-कोना जमीन का उपयोग कर खुद के रोजमर्रा के लिए ताजी व जैविक सब्जियां उगाकर उनका उपयोग कर रहा है।
नर्सरी में हरियाली को भविष्यवाणी करने वाले लोग आज उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। पौधरक्षक रोजगार सहायक पवन श्रीवास्त्री की सलाह पर लक्ष्य बनाकर खेल मैदान के पास बने सार्वजनिक कुंए से बाल्टी से पानी निकालकर कुप्पी से पौधों की सिंचाई करते हैं। पेड़ों की हरियाली बयां कर रही है कि पौध रक्षक का उनके प्रति कितना प्रेम है।

सरकार की मदद से लगे थे 200 पौधे नर्सरी में लहलहा रहे 280 पौधे

जनपद पंचायत सिवनी की ग्राम पंचायत चंदनवाड़ा कला में सरपंच भुल्ली बाई सिंगोर,सचिव श्यामसिंह उइके और रोजगार सहायक पवन श्रीवास्त्री है। रोजगार सहायक पवन श्रीवास्त्री बताते हैं कि तकरीबन डेढ़ साल पहले वर्ल्ड रिकार्ड के लिए पूरे प्रदेश सहित सिवनी जिले में पौधारोपण किया गया था। जिसमें उनकी पंचायत में तीन एकड़ के रकबे में 200 फलदार पौधे आम,अमरूद,आंवला,कटहल,मुनगा,नींबू, जामून,अनार व नीम लगाए गए थे। पौधों की रक्षा करने व देखभाल करने के लिए राधेलाल डोमने को पौधरक्षक बनाया गया था।
हालांकि उन्हें पौध रक्षक बनाते समय गांव के कुछ लोगों ने शराबी है कहते हुए विरोध जताया था लेकिन उन्होंने उसके ऊपर विश्वास जताया। जिसमें पौधरक्षक राधेलाल डोमने पौधों व पंचायत के लिए खरे उतरे हैं। सरकार ने सिर्फ 200 पौधे लगाए थे जिनमें से एक भी पौधे को मरने नहीं दिया। वहीं स्वयं ने अपनी मर्जी से पौधे लगाएं है जिसमें वर्तमान में नर्सरी में 280 से ज्यादा पौधे लहलहा रहे हैं। अब नर्सरी में मौजूद मुनगा के पेड़ पर फूल आ गए हैं। वहीं नींबू और अमरूद में फल आ गए हैं। हरी-भरी नर्सरी और पौधों में कोयल की कूंक भी सुनाई देने लगी है।

कई पंचायतों में मिट गए पौधों के नाम निशान

जिले भर में 645 ग्राम पंचायत हैं जिसमें सभी पंचायतों में तकरीबन दो साल पहले पौधे लगाए गए थे लेकिन पंचायत के सरपंच-सचिव व पौध रक्षक द्वारा दिलचस्पी नहीं लेने व पानी की दिक्कतों की वजह से कई ग्राम पंचायतों से लगाए गए पौधों के नामोंनिशान मिट गए हैं।

मोक्षधाम बन सकता है मॉडल-

जिले भर में 1.80 और 2.50 लाख रुपए की लागत से मोक्षधाम का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें कई जगह तो सरपंच-सचिव व इंजीनियर की तिकड़ी मोक्षधाम के निर्माण में भी कमिशनबाजी कर उसकी गुणवत्ता पर सेंध लगा रहे हैं। वहीं चंदनवाड़ा ग्राम पंचायत रोजगार सहायक पवन श्रीवास्त्री ने 1.50 लाख रुपए की लागत से हटकर मोक्षधाम बनाया है जो जिले के लिए मॉडल बन सकता है। ऐसा शेड और स्ट्रेक्चर बनाया जहां एक साथ दो शवों को जलाया जा सकता है।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.