बदले कृषि परिदृश्य अनुसार कृषि नीति बनाने में मदद करे नाबार्ड
इस वित्त वर्ष में किसानों के लिये 94 हजार करोड़ का फसली ऋण
फसल ऋण माफी स्थायी समाधान नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल ऋण माफी किसानों की समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। यह उन्हें संकट से उबारने का तात्कालिक उपाय है क्योंकि कर्ज का मनौवैज्ञानिक दबाव होता है। अब ज्यादा लाभ के लिए विविधतापूर्ण खेती को अपनाने का समय है।
भोपाल । गोंडवाना समय।मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि किसानों के हित में बदलते हुए कृषि परिदृश्य को ध्यान में रखकर नई योजनाएँ बनाना जरूरी है। उन्होंने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से आग्रह किया कि मध्यप्रदेश में परिवर्तित कृषि परिदृश्य को देखते हुए राज्य की कृषि नीति का प्रारूप तैयार करे। इसमें किसानों, कृषि विशेषज्ञों तथा कृषि व्यापार से जुड़ी संस्थाओं का भी सहयोग लें। मुख्यमंत्री मंत्रालय में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की राज्य ऋण संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने नाबार्ड का स्टेट फोकस पेपर जारी किया। उन्होंने नाबार्ड द्वारा सहायता प्राप्त स्व-सहायता समूहों और किसान उत्पाद समितियों को अच्छे प्रदर्शन के लिये सम्मानित किया। कमल नाथ ने कहा कि नाबार्ड के गठन के समय कृषि क्षेत्र की चुनौतियाँ खाद्यान्न की कमी दूर करने की थी। आज खाद्यान्न तक पहुँच बनाने और अत्यधिक उत्पादन से भंडारण की चुनौतियाँ हैं। किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य दिलाना चुनौती है। मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र में किसानों के लिये क्रेडिट सुविधाएँ बढ़ाने और कृषि अधोसंरचना को मजबूत करने के लिये प्रतिबद्ध प्रयासों की सराहना की।