गीती दीदी ने बताया गीता शास्त्र की रचना
सिवनी। गोंडवाना समय।शंकर मढ़िया समिति सिवनी द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय गीता ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ 06 फरवरी को ब्रम्हाकुमारी गीता दीदी के सानिध्य में एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिती में दीप प्रज्जवलित कर किया गया। प्रवक्ता योगशक्ति गीता दीदी द्वारा गीता शास्त्र का महत्व बतलाया तथा गीता शास्त्र की रचना के विषय में बतलाते हुए कहा कि जब महाभारत युध्द में अर्जुन अपने प्रिय सम्बंधियों को देखकर युध्द न करने का संकल्प लेकर बैठ गया तो उसी समय श्री कृष्ण जी ने गीता के 18 अध्यायों के द्वारा उन्हें समझाया तथा पुन: युध्द हेतु तैयार किया। इस प्रसंग के आध्यात्मिक रहस्य को बतलाते हुए दीदीजी ने कहा कि श्रीेकृष्णजी ने सिर्फ अर्जुन के लिए 18 अध्यायों की गीता उच्चारी थी तो फिर हम सभी गीता शास्त्र क्यों पढ़ते हंै ? इससे सिध्द होता है गीता की रचना सिर्फ अर्जुन के लिए नहीं की गई। आदरणीय दीदी जी ने कहा कि जब मानव के समक्ष पारीवारिक समस्याऐं एवं अनेक प्रकार की समस्याऐं उत्पन्न होती हैं तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे उसके अंतर्मन में ही महाभारत युद्ध छिड़ गया है। ऐसी परिस्थिति में मानव असहाय सा होकर तनावग्रस्त एवं चिन्ताग्रस्त हो जाता है। ऐसी परिस्थिती में मनुष्य श्रीमद् गीता शास्त्र से प्रेरणा लेकर उन समस्याओं से मुक्त हो सकता है। शुभारंभ कार्यक्रम में नगर निरीक्षक अरविंद जैन, रामजीलाल अग्रवाल, दुर्गाप्रसाद अग्रवाल, सुनील बघेल, कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव संजय बघेल, गोविंद प्रसाद गुप्ता, राजेश विश्वकर्मा, दिलीप बघेल, नवीन अग्रवाल सहित बुधवारी बाजार सिवनी के वरिष्ठ व्यवसायिकगण व गणमान्य नागरिकगण भारी संख्या में उपस्थित रहे। उपस्थित विशेष अतिथियों को गीता दीदी द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किया गया, मंदिर समिति द्वारा भी शॉल श्रीफल से उनका सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय सेवा केन्द्र की प्रमुख आदरणीया ज्योति दीदी उपस्थित रहीं । दीदी ने अपने उद्बोधन
में कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान को बहुत एकाग्रता से सुनना, समझना और सुनकर अपने जीवन में धारण करने की बात कही।