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आठ हजार किसानों की धान अधर में,भुगतान भी गायब

आठ हजार किसानों की धान अधर में,भुगतान भी गायब

खरीदी के तीन दिन बंद रहा पोर्टल आज तक नहीं खुला

सिवनी।गोंडवाना समय। 
समर्थन मूल्य पर की गई धान खरीदी में जिले के आठ हजार किसानों की धान अधर में है। वहीं किसानों का भुगतान गायब है। सहकारी बैंकों से खाते में भुगतान कर दिया गया है लेकिन किसानों के खाते में भुगतान नहीं पहुंचा है। किसानों का पैसा कहां गायब है न नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी बता पा रहे हैं और न ही खाद्य आपूर्ति विभाग बता पा रहा है। किसान भुगतान को लेकर सदमे में है।

पोर्टल बंद होने से आठ हजार किसान का धान खतरे में

प्रदेश सहित सिवनी जिले में 25 जनवरी तक समर्थन मूल्य में धान खरीदी  का समय निर्धारित किया गया था। बताया जाता है कि खरीदी के तीन दिन यानी 22 फरवरी से लेकर 24 फरवरी तक पोर्टल बंद हो गया और किसानों की धान का रिकार्ड आॅनलाइन नहीं चढ़ पाया। हालांकि 25 फरवरी को आखिरी दिन पोर्टल खुला था लेकिन किसानों की संख्या अधिक होने के कारण उनका रिकार्ड पूरा नहीं चढ़ पाया। किसानों को उम्मीद थी कि 22 से 24 फरवरी के धान खरीदी के रिकार्ड  को लेकर बाद शासन स्तर से पोर्टल खूल जाएगा लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो पाया है। ऐसे में जहां समिति प्रबंधक सकते में है वहीं किसानों की धान खरीदी और भुगतान दोनों अधर में है। समिति प्रबंधन बताते हैं कि जिले में तकरीबन आठ हजार किसानों की धान का रिकार्ड आॅनलाइन नहीं हुआ है। मोहगांव सड़क समिति से 362 में से 216 किसानों के धान का रिकार्ड आॅनलाइन नहीं हो पाया है।

किसानों के खाते में नहीं पहुंच रहे पैसे

धान का उठाव होने और वेयर हाउस में जमा होने के बाद  स्वीकृति पत्रक मिल जा रहा है लेकिन किसानों के खातों में पैसे नहीं पहुंच रहे हैं। दिसंबर माह में धान बेचने वाले सैकड़ों  किसानों के खाते में पैसा नहीं पहुंचा है जबकि सहकारी बैंक संचालक की मानें तो उन्होंने किसानों का आॅनलाइन भुगतान कर दिया है लेकिन किसानों के खाते में नहीं पहुंच रहा है। ऐसा ही मोहगांव सड़क समिति में धान बेचने वाले गेंदलाल  सूर्यवंशी बताते हैं कि 198 बोरी धान दिसंबर माह में बेची थी जो कि परिवहन होकर चौरई में जमा हो चुकी है लेकिन ढाई महीने हो गए भुगतान उनके खाते में नहीं आया है। मोहगांव सड़क के सहकारी समिति बैंक प्रबंधक का कहना है कि उन्होंने आॅनलाइन भुगतान  गेंदलाल सूर्यवंशी के खाते में कर दिया है लेकिन क्यों नहीं गया और पैसा कहा अटका यह कोई नहीं बता रहा है। इसी तरह मोहगांव सड़क के खरीदी  प्रभारी लोटन सिंह तुर्कर ने भी बताया कि उन्होंने 20 दिसंबर को 374 क्विंटल धान बेचा है लेकिन उनका भी भुगतान का कोई अता-पता नहीं है। उनके जैसे ऐसे कई किसान है जो भुगतान को लेकर तनाव में है। समिति प्रबंधक की मानें  तो कई किसान ऐसे भी है जिन्होंने धान के भरोसे  बेटा-बेटियों की शादी तय कर ली है लेकिन अब भुगतान को अटका देख उनके माथे पर चिंता की लकीर साफ दिखाई दे रही है।

नागरिक आपूर्ति अधिकारी के  गोलमोल जवाब

आठ हजार किसानों के आॅनलाइन रिकार्ड  दर्ज न हो पाने को लेकर नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी  दिलीप सक्सेना कोई सार्थक जवाब नहीं दे पा रहे हैं वे एक ही बात कर रहे हैं कि जानकारी भोपाल भेजी गई है। वहीं किसानों के भुगतान को लेकर गोलमोल जवाब दे रहे हैं। दिलीप सक्सेना का कहना है कि स्वीकृति पत्रक के बाद ही ईपीओ जनरेट होते हैं।  प्रदेश भर में  लोड  होने के कारण ईपीओ जनरेट नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब 132 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को होने का दावा कर रहे हैं लेकिन हकीकत में ये दावे खोखले हो रहे हैं क्योंकि बैंक से भुगतान होना शो कर रहा है लेकिन कई किसानों के खाते में राशि नहीं पहुंची है और वे भुगतान के लिए भटक रहे हैं।

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