राज्य सरकार लगायेगी याचिका किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा-कमलनाथ
डिंडौरी से पदयात्रा पर निकला प्रतिनिधिमण्डल की कमलनाथ से हुई मुलाकाल
चुटका परमाणु संयंत्र की होगी समीक्षा
भोपाल। गोंडवाना समय।बीते 9 फरवरी को डिंडोरी से भोपाल तक आदिवासीयों की विभिन्न मांगों को लेकर आदिवासी महापंचायत के बैनर तले पैदल यात्रा कर भोपाल पहुंची। इस पैदल यात्रा की अगुवाई कर रहे वरिष्ठ समाजिक कार्यकर्ता हरि सिंह मरावी के नेतृत्व में 25 प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधि मंडल भोपाल में मुख्यमंत्री कमल नाथ से मिला और विभिन्न मांगों पर चर्चा करते हुए कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में पांचवीं अनुसूची तथा पेसा कानून लागू है परन्तु आदिवासी समाज इस संवैधानिक अधिकार का उपयोग कर ग्राम सभा में स्वशासन सुनिश्चित करना चाहता है तो अनेक प्रशासनिक अडंगे लगाए जाते हैं ।
दूसरी ओर उच्चतम न्यायालय के आदेश से वनभूमि पर काबिज आदिवासी एवं अन्य परम्परागत वन निवासियों की बेदखली के कारण आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है तथा किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा । पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों के प्रभावी रूप से लागू करने तथा रूढ़ि परम्परा के आधार पर समाज वयवस्था आगे ले जाने के लिए एक समिति गठित की जाएगी जो राज्य सरकार को सुझाव देगी। प्रतिनिधि मंडल में शामिल जनपद उपाध्यक्ष नारायणगंज के भूपेन्द्र बरकङे ने चुटका परमाणु परियोजना का पुनर्विचार हेतु मुख्यमंत्री को आग्रह किया ।इस पर उन्होंने अपने सचिव को कहा कि इससे सबंधित सारे दस्तावेज मेरे समक्ष प्रस्तुत करो। हम इस परियोजना की समीक्षा करेंगे तथा उन्होंने कहा कि प्रदेश मांग से ज्यादा बिजली उपलब्ध है । इस प्रतिनिधि मंडल में गुलजार सिंह मरकाम, राजेन्द्र पुटटा, विजय भाई, शंकर तलवले तथा अन्य आदिवासी नेता मौजूद थे।