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आदिवासी संस्कृति पुरातन संस्कृति है व अपने आप में अनूठी

आदिवासी संस्कृति पुरातन संस्कृति है व अपने आप में अनूठी

छिंदवाड़ा में राज्य स्तरीय जनजातीय उत्सव आदिरंग का हुआ गरिमामय समापन

छिन्दवाडा। गोंडवाना समय। मुख्यमंत्री कमल नाथ के प्रयासों से आदिवासी संस्कृति व कला को संरक्षित व प्रोत्साहित करने के लिये स्थानीय पोला ग्राउंड में आयोजित जनजातीय उत्सव आदिरंग कार्यक्रम का बुधवार को गरिमामय समापन समारोह संपन्न हुआ । इस दौरान नकुल नाथ के मुख्य आतिथ्य और प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और जिले के प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे की अध्यक्षता में संपन्न
इस समापन समारोह के इस ऐतिहासिक आदिरंग कार्यक्रम में 7 जिलों से आये लगभग 300 से ज्यादा कलाकारों ने अपनी सुंदर प्रस्तुति देकर छिन्दवाड़ा सहित मध्यप्रदेश को गौरवान्वित किया । समापन समारोह में मुख्य अतिथि नकुल नाथ ने कहा कि आदिवासी संस्कृति पुरातन संस्कृति है । इस संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिये प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया । आदिवासियों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों के माध्यम से जहां आदिवासी संस्कृति की जानकारी मिलती है, वही ज्ञान का वर्ध्दन होने के साथ ही मनोरंजन भी होता है । उन्होंने सभी कलाकारों को धन्यवाद देते हुये इस तरह के कार्यक्रम प्रतिवर्ष आयोजित किये जाने का प्रयास करने का संकल्प दोहराया ।

सुलोचना काकोड़िया का हुआ सम्मान

आदिरंग उत्सव के समापन अवसर पर गोंडी पंडवानी गायिका श्रीमती कली बाई एवं इंस्पायर अवार्ड में राष्ट्रीय स्तर स्थान बनाने वाली जिले के बिछुआ विकासखंड की कक्षा आठवीं की छात्रा कुमारी सुलोचना काकोड़िया को सम्मानित किया । कार्यक्रम अध्यक्ष एवं प्रभारी मंत्री सुखुखदेव पांसे ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से छिन्दवाड़ा की धरती पर इस ऐतिहासिक आदिवासी महोत्सव का आयोजन हो सका है । आदिवासी संस्कृति अपने आप में अनूठी संस्कृति है । इस संस्कृति में अभी तक दहेज प्रताड़ना का कोई भी प्रकरण देखने को नहीं मिला है, जो प्रेरणादायी है। कार्यक्रम में वन्या के सहायक को-आर्डिनेटर ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर राज्य अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष गंगा प्रसाद तिवारी, विधायकगण  निलेश उईके, सुनील उईके और कमलेश शाह सहित श्री संजय श्रीवास्तव व अन्य विशिष्ट व्यक्ति, पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार राय, जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी, गणमान्य नागरिेक, पत्रकार तथा बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के व्यक्ति और दर्शक उपस्थित थे।

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