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जनअभियान परिषद से पूछा राजनैतिक उद्देश्यों के लिये संस्था को काम करना चाहिये

जनअभियान परिषद से पूछा राजनैतिक उद्देश्यों के लिये संस्था को काम करना चाहिये

सरकारी धन के दुरूपयोग पर आत्म-मंथन की जरूरत

तीन माह आत्म-मंथन करें, फिर होगी समीक्षा 

जन अभियान परिषद के संवाद सत्र में मुख्यमंत्री कमल नाथ की दो टूक

भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में मध्य प्रदेश में खुली जनअभियान परिषद को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संवाद कार्यक्रम के दौरान आईना दिखा दिया है और कहा कि गौर करने को कहा है कि क्या विकास के काम को आगे बढ़ाने के लिये उद्देश्य से गठित संस्था को राजनैतिक संस्था के रूप में काम करना चाहिये और क्या ऐसी संस्था को बर्दाश्त करना चाहिये । 

भोपाल। गोंडवाना समय।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने जन अभियान परिषद के संवाद सत्र में कहा कि राजनैतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिये सरकारी धन का दुरूपयोग करने के संबंध में आत्म-मंथन करने की आवश्यकता है। कमल नाथ ने कहा कि आत्म-मंथन के लिये तीन माह का समय है, इसके बाद समीक्षा होगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री परिषद के अध्यक्ष है। संवाद सत्र का आयोजन समन्वय भवन में किया गया। मुख्यमंत्री ने परिषद के अमले से पूछा कि जन अभियान परिषद के गठन का क्या उद्देश्य था और इन सालों में इसे किस ओर ले जाया गया। इसका आकलन करने और आत्म-चिंतन करने की आवश्यकता है। क्या विकास के काम को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से गठित संस्था को राजनैतिक संस्था के रूप में काम करना चाहिये, इस प्रश्न पर पर भी विचार करें। उन्होंने कहा कि परिषद के संबंध में सच्चाई किसी से छुपी नहीं है। क्या ऐसी संस्था को बर्दाश्त करना चाहिये। क्या लोगों के प्रति जवाबदेह मुख्यमंत्री को ऐसी संस्था का अध्यक्ष रहना चाहिये, जो सरकारी धन का दुरूपयोग राजनीतिक संस्थाओं को आगे बढ़ाने के लिये कर रही हो।

जनअभियान परिषद अमले से सहानुभूति पर सच्चाई भी सामने है 

जनअभियान से संवाद के दौरान मुख्यमंत्री कमल नाथ दो टूक शब्दों में कहा कि इस पर आत्म-मंथन करने की जिम्मेदारी परिषद के अमले की है, वह चिंतन करें कि, क्या सही रास्ते पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सच्चाई छिपाई नहीं जा सकती। उन्होंने कहा कि परिषद में कार्यरत अमले से सहानुभूति है लेकिन सच्चाई भी सामने है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता के लिये जो सही है, वही करें। राजनैतिक कारणों को बीच में नही लाएं। प्रदेश के हित में काम करें। उन्होंने परिषद के अमले से कहा कि वह खुद चिंतन करे और स्वयं अपने में सुधार करे। किसी राजनैतिक पार्टी का साथ नही दे। केवल सच्चाई को पहचाने और सच्चाई कासाथ दें।

स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं दिया वे राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ा रहे 

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की संस्कृति दिलों को जोड़ने की संस्कृति है। इसका कारण सहिष्णुता है, जो सदियों से भारतीय समाज में विद्यमान है। उन्होंने कहा भारत विभिन्नताओं और विविधताओं से परिपूर्ण देश है। अनेकता में एकता ही भारत की शक्ति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विचित्र बात है कि जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं दिया वे राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ा रहे हैं। सदस्यों ने भी मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रखी। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव योजना श्री के.के. सिंह, कार्यपालक निदेशक श्री जितेन्द्र राजे, परिषद के जिला और ब्लाक स्तर के समन्वयक उपस्थित थे।

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