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आदिवासी संस्कृति और रीति-रिवाज से होंगे आदिवासी परिवारों के सामूहिक विवाह

आदिवासी संस्कृति और रीति-रिवाज से होंगे आदिवासी परिवारों के सामूहिक विवाह

बरघाट गोंडवाना समय।
सिवनी जिले के मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत 2 मार्च को होने वाले सामूहिक विवाह में लगभग 3000 जोड़ों के विवाह संपन्न होना हैं जिसमें लगभग 2,000 आदिवासी परिवारों के जोडे है, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में आदिवासी जोड़े का विवाह आदिवासी संस्कृति से करने की मांग विगत कई वर्षों से की जा रही है, जिसके चलते विधायक अर्जुनसिंह काकोडिया की पहल पर शासन द्वारा 2 मार्च को संपन्न होने वाले सामूहिक विवाह में आदिवासी परिवारों के जोड़ों का विवाह आदिवासी संस्कृति और रीति-रिवाज से किये जाएंगे. उल्लेखनीय है कि सामूहिक विवाह योजना के में आदिवासी जोड़ों का विवाह आदिवासी रीति-रिवाज व संस्कृति से नहीं किया जाता है। इसके कारण कई आदिवासी जोड़ों को पुन: घर में जाकर विवाह अपनी संस्कृति से करना पड़ता है। इससे आदिवासी समाज का अनावश्यक खर्च बढ़ता है। वहीं शासन द्वारा अन्य समाजों का विवाह उनकी संस्कृति से कराया जाता है। मुस्लिम समाज के जोड़ों का मौलवी द्वारा निकाह कराया जाता है। बौद्ध जोड़ों का विवाह बौद्ध पद्धति से तथा हिंदू समाज का हिंदू संस्कृति से पंडितों द्वारा कराया जाता था। उसी प्रकार आदिवासी जोड़ों का विवाह आदिवासी रीति-रिवाज एवं संस्कृति से कराया जायेगा।

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