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52 दिन में किसान ऋण माफी सहित वचन-पत्र के 26 बिन्दु पूरे

52 दिन में किसान ऋण माफी सहित वचन-पत्र के 26 बिन्दु पूरे

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिखाई अपनी सरकार की तेज गति

भोपाल। गोंडवाना समय।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने 52 दिन के कार्यकाल में वचन-पत्र में जनता से किये गये 26 वचनों की पूर्ति के जरिए बता दिया कि जन-हित और प्रदेश हित सरकार का लक्ष्य होगा। शपथ लेने के 2 घंटे बाद ही प्रदेश के 55 लाख किसानों के 50 हजार करोड़ के ऋण माफ करने का निर्णय लेकर वचन-पत्र का पहला वचन पूरा किया गया। यही नहीं उन्होंने मुख्य सचिव को वचन-पत्र सौंपकर मंशा जतायी कि अगले पाँच साल का मुख्य एजेंडा यही है, इसे पूरा करना होगा। सत्रह दिसम्बर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही कमल नाथ सरकार 'वर्किंग मोड' पर आ गई और उन्होंने अपनी सरकार के काम करने की तेज गति को बताया। किसानों के बाद युवाओं को रोजगार देने के वचन-पत्र के दूसरे बिन्दु को पूरा करने के लिये निर्णय लिया गया कि अब उद्योगों में 70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के स्थानीय लोगों को देना जरुरी होगा। प्रदेश के विकास में युवाओं की भूमिका सुनिश्चित करने और युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिये मोहना, धार, भोपाल, छिंदवाड़ा और जावरा में टेक्सटाईल पार्कों की स्थापना का फैसला किया। युवा स्वाभिमान योजना के जरिये युवाओं को 100 दिन का काम उपलब्ध कराने के साथ-साथ कौशल विकास के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई। वचन-पत्र के तीसरे बिन्दु कन्या विवाह-निकाह योजना का अनुदान 28 से बढ़ाकर 51 हजार रुपये करने का निर्णय लिया। वृद्धावस्था तथा अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 600 रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय लिया। दिव्यांग महिला और सामान्य पुरुष के बीच विवाह को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर 2 लाख रुपये की गई।

पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश तो नया आध्यात्म विभाग गठित 

आम जनता की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने में दिन-रात लगे रहने वाले पुलिस कर्मियों के हित में पुलिस बल को एक दिन का साप्ताहिक अवकाश देने का फैसला लागू हो गया है। पुलिस बल में 50 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती और उनका आवास भत्ता बढ़ाकर 5 हजार रुपये करने का भी प्रस्ताव प्रक्रिया में है। वचन-पत्र के एक और बिन्दु को पूरा करते हुए सर्वधर्म समभाव बढ़ाने के लिये नया आध्यात्म विभाग गठित किया। ताप्ती, मंदाकिनी और क्षिप्रा नदी न्यास भी गठित करने का फैसला लिया। मंदिरों के पुजारियों को वेतन 1500 से बढ़ाकर 3 हजार रुपये करने के बाद ही प्रदेश में 1000 गौ-शालाएँ निराश्रित गायों के लिये खोलने का निर्णय लिया। इससे प्रदेश की एक लाख निराश्रित गायों को आसरा मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 3600 लोगों को इलाहाबाद में हो रहे कुंभ में भेजने का फैसला लिया। इसके लिये 12 फरवरी, 14 फरवरी, 22 फरवरी एवं 24 फरवरी को विशेष ट्रेन रवाना होगी। वंदे मातरम को नए सिरे से भव्य स्वरूप में शुरू कर लोगों में देश भक्ति की एक नई भावना का संचार दिया गया।

जनहित व कृषक हित के अनेक फैसले

अल्प समय में कमलनाथ सरकार ने जनहित के अनेक फैसले लिये। शासकीय विद्यालयों में 52 रिक्त पदों के विरुद्ध अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की। मादक द्रव्यों के अवैध व्यापार पर सख्ती से रोक लगाने, आशा कार्यकतार्ओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने और बिजली की सतत् सुचारु आपूर्ति के लिये खराब ट्रांसफार्मर तत्काल बदलने के निर्देश दिये। ग्रामीण परिवहन सेवा को बेहतर बनाने के साथ ही प्रत्येक हल्के पर पटवारी पदस्थ करने को कहा। वचन-पत्र के मुताबिक किसानों को दिये जाने वाले 2 लाख रुपये मूल्य तक के कृषि उपकरणों पर 50 प्रतिशत का अनुदान देने का आदेश जारी किया। आधुनिक तकनीक से सब्जियों, फसलों, औषधियों और फूल उगाने वाले उत्पादको के पॉली हाउस और ग्रीन हाउसों का आकार 1000 से 5000 हजार वर्ग फिट तय किया गया। इसके लिये उनको ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। किसानों को दस हार्स पावर तक पंपों के लिये आधी दरों पर बिजली देने की व्यवस्था की जा रही है। सभी घरों में 100 यूनिट तक की बिजली खपत पर 100 रुपये का बिल आये, इसकी तैयारी की जा रही है। वचन-पत्र के एक और बिन्दु के जरिये आधुनिक तकनीक से मृदा और बीज के परीक्षण की सुविधा किसानों को दी गयी। खरबूज, तरबूज, सिंघाड़े और कमल ककड़ी की खेती को फसल कार्यक्रम में शामिल कर उन्नत बीज बाजार एवं अनुदान देने के आदेश भी जारी हो गये हैं। वचन-पत्र के अनुसार गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली देने का वादा पूरा कर दिया गया है।

बिजली बिल सुधार और प्रदाय संबंधी फैसले

इसी तरह बिजली सप्लाई, ट्रांसफार्मर की बिजली फेल होने और शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में गलत बिजली बिल बनने की शिकायतों के लिये कॉल-सेंटर बनाये गये हैं। शिकायत 1912 पर दर्ज करवायी जा सकती है। समय-सीमा में इनका निराकरण हो, इसके लिये निर्देश दिये गये हैं। ये कॉल-सेंटर 24 घंटे कार्यरत रहेंगे। आउटसोर्स कर्मचारियों के मुद्दों के निराकरण के लिये एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी के एच.आर. हेड की अध्यक्षता में समिति गठित की गयी है। घाटे में चल रहे मध्यप्रदेश पर्यटन निगम के होटलों को निजी क्षेत्र में देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। दस होटल 30 साल की लीज पर दिये जा चुके हैं और 11 होटलों का चयन भी कर लिया गया है। वचन-पत्र के मुताबिक 10 हेरीटेज भवन को निजी क्षेत्र में देने के लिये चिन्हित किया गया है। भोपाल स्थित मिंटो हॉल को हेरीटेज कन्वेंशन में बदला गया है।

बादल भोई और जनगण श्याम के नाम पर पुरस्कार स्थापित किये 

वचन-पत्र के मुताबिक राज्य स्तरीय मैडल जीतने वाले खिलाड़ियों को कोचिंग और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सेदारी के लिये सभी तरह का सहयोग प्रदान करने के आदेश जारी कर दिये गये हैं। भविष्य में सभी खेल प्रतियोगिताओं में महिला खिलाड़ियों के साथ महिला खेल अधिकारी या महिला कोच को भेजा जाना अनिवार्य किया गया है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जिला खेल अधिकारी का नियंत्रक एवं नोडल अधिकारी बनाया गया है। ये खेल विभाग के अतिरिक्त पदेन निदेशक होंगे। ग्राम-सभाओं में महिलाओं की विशेष भागीदारी के लिये 8 मार्च-अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सबला महिला सभा और 19 नवम्बर को प्रियदर्शनी महिला सभा की जायेगी। प्रदेश के राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों को सम्मान देने के उद्देश्य से बादल भोई और जनगण श्याम के नाम पर पुरस्कार स्थापित किये गये। अनुसूचित-जनजाति के युवाओं के कौशल विकास के लिये जिला स्तर पर कोचिंग सेंटर खोले गये। चिन्हित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) को मजबूत बनाया गया है। उपभोक्ताओं के लिये एफपीएस युक्त 30 गोदाम का निर्माण और बेहतर निगरानी के लिये आई.टी. सिस्टम का निर्माण किया जा रहा है। भोपाल बीआरटीएस की मौजूदा स्थिति के आंकलन और संभावित सुधार के लिये मेनिट को नियुक्त किया गया है। फिलहाल बीसीएलएल द्वारा स्कूल बसों को बीआरटीएस ट्रेक पर कुछ शर्तों के साथ चलाने की इजाजत दी गयी है।

रियायती दर पर दाल वितरण

कमलनाथ सरकार ने उचित मूल्य की 24 हजार से अधिक दुकानों से 1 लाख 17 हजार पात्र परिवारों को रियायती दर पर प्रतिमाह चार किलो दाल वितरण की शुरूआत की। गुमाश्ता कानून में नवीनीकरण की अनिवार्यता समाप्त कर दस लाख से अधिक छोटे व्यावसाइयों को लाभान्वित किया। सभी नगरीय निकायों को शव-वाहन उपलब्ध कराने का फैसला भी सरकार ने लिया।

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