नीलगाय के दो शिकारियों को हुई 2 वर्ष की सजा
सिवनी। गोंडवाना समय।वन विभाग के कर्मचारियों को मुखबिर से दिनांक 27 दिसंबर 2011 को सूचना मिली थी कि ग्राम आमाझिरी कुप्पीटोला रोड के किनारे खेत के पास शिकार किया गया है उक्त जानकारी देते हुये मनोज सैयाम मीडिया प्रभारी द्वारा बताया गया कि मुखबिर द्वारा प्राप्त सूचना पर वन अधिकारी एवं वन विभाग के कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुँचे तो जहाँ पर मुखबिर द्वारा बताया गया था कि नील गाय का माँस अर्जुन गौली ले गया है । जिस पर परिक्षेत्र सहायक, वन विभाग के कर्मचारियों सहित एवं सुरक्षा श्रमिक अभियुक्त अर्जुन गौली के घर पहुँचे और जब अभियुक्त अर्जुन गौली के घर से सहमति लेने के साथ तलाशी लेने पर घर के अंदर वन्य प्राणी नील गाय का मॉस स्टील की परात में ढका हुआ रखा मिला था। वन रक्षक दीपक धुर्वे एवं अन्य कर्मचारियों द्वारा सोमा के खेत मे नर नील गाय म्रत अवस्था मिली थी । जांच में दिनेश पिता सूंदर लाल के द्वारा शिकार करना पाये जाने का अपराध होने से दिनेश और अर्जुन के विरुद्ध न्यायालय में चालान/परिवाद पत्र पेश किया गया था । जिसकी सुनवाई माननीय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सिवनी में गई । जिसमें शासन की ओर से श्रीमती उमा चौधरी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा गवाह और सबूतों को पेश कर दोनों आरोपी के विरुद्ध अपराध करना सिद्ध पाया गया । जिस पर उपरोक्त माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी दिनेश और अर्जुन को धारा-51 वन्य प्राणी संरक्षण 1972 में 2-2 वर्ष का कारावास एवं 1000-1000 रुपये अर्थदण्ड की सजा से दण्डित करने की सजा सुनाई है।