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1000 रूपए प्रतिमाह के लिए भारिया जनजाति की महिलाओं का कलेक्ट्रेट पर धरना

1000 रूपए प्रतिमाह के लिए  भारिया जनजाति की महिलाओं का कलेक्ट्रेट पर धरना

कलेक्टर के आश्वासन पर घर लौटी महिलाएं

सिवनी। गोंडवाना समय। 
भाजपा सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद छिंदवाड़ा जिले  के पातालकोट में निवासरत विशेष संरक्षित भारिया जनजाति की महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपए मिलने से सिवनी जिले में निवासरत भारिया जनजाति की  महिलाऐं गुस्सा गई हैं। सिवनी के कई गांव में निवास कर रही भारिया जनजाति की महिलाऐं भी सरकार से एक हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाने की मांग कर रही है। मंगलवार को बड़ी संख्या में महिलाऐं कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने सड़क पर धरना देकर बैठी रही। कलेक्टर प्रवीण अढ़ायच द्वारा भोपाल स्तर पर जानकारी भेजी जाने की बात कही जाने के बाद महिलाओं का धरना बंद हुआ और वे अपने घर लौट गए।

जिले के 50 से ज्यादा गांव से आईं थी भारिया जनजाति की महिलाऐं-

पतालकोट के भारिया जनजाति की तरह उन्हें भी सरकार एक हजार रुपए की राशि प्रतिमाह दे उसकी मांग करने के लिए सिवनी जिले के 50 से जयादा गांव में निवासरत तकरीबन 300 से ज्यादा भारिया जनजाति की महिलाऐं कलेक्ट्रेट पहुंची थी और कलेक्ट्रेट परिसर के ठीक सामने सड़क पर बैठ गई थी। महिलाओं का काफिला देखकर प्रशासन सकते में आ गया था। पुलिस और राजस्व विभाग का अमला तक वहां पर तैनात हो गया था। हालांकि महिलाओं द्वारा किसी प्रकार को कोई उपद्रव नहीं किया गया। वे शांतीपूर्वक सड़क पर बैठ गई और  प्रतिमाह एक हजार रुपए दिए जाने की मांग रखी।

... और कलेक्टर के वाहन के सामने आ गई महिलाऐं-

कलेक्ट्रेट मोगली की प्रतिमा के सामने भारिया समाज की महिलाऐं धरना पर बैठी हुई थी और जैसे ही जनसुनवाई से निकल कलेक्टर प्रवीण अढ़ायच अपने सरकारी वाहन से बाहर जाने के लिए रवाना हुए  विशेष संरक्षित भारिया जनजाति की महिलाऐं कलेक्टर साहब के वाहन के सामने आ गई। महिलाओं को वाहन का घेराव करते देख कलेक्टर प्रवीण अढ़ायच भी सहज रूप से अपने वाहन से नीचे उतर गए और महिलाओं को बताया कि उनकी मांग को लेकर भोपाल पत्र भेज चुके हैंं और जल्द ही उम्मीद है कि उनकी मांग पूरी हो जाएगी। उनकी मांगों को लेकर भोपाल भेजा गया पत्र भी भारिया जनजाति की महिलाओं को उपलब्ध कराया जिसके बाद महिलाऐं अपने घर वापस लौट गर्इं। महिलाऐं पिछले कई महीनों से शासन -प्रशासन के चक्कर काट रही हैं। पिछले मंगलवार  को दो दर्जन महिलाओं ने जनसुनवाई के माध्यम से प्रशासन के सामने अपनी मांग रखी थी और उसके बाद सिवनी जिले के भारिया जनजाति का प्रतिनिधि मंडल छिंदवाड़ा जिले भी गया हुआ था।

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