नक्सली मुठभेड़ में आदिवासी की संदिग्ध मौत के मामले में हलफनामा पेश करें हाईकोर्ट ने दिया निर्देश
नक्सली मुठभेड़ में एक आदिवासी की संदिग्ध मौत के मामले में हाईकोर्ट ने हलफनामा पेश करने के निर्देश दिए। चीफ जस्टिस एसके सेठ और जस्टिस विजय शुक्ला की खंडपीठ ने कुछ शपथ पत्र पेश करने के निर्देश के साथ मामले की सुनवाई 5 मार्चको निर्धारित की है। बालाघाट के लांजी से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक किशोर समरीते ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नवंबर माह में नक्सली मुठभेड़ में एक आदिवासी की संदिग्ध मौत हुई है। याचिका में मांग की गई है कि इस मामले की जांच सीबीआई या एनएआई से कराई जाए। याचिका में बताया गया कि लांजी के हट्टा पुलिस ने 24 नवंबर 2018 को 7 नक्सलियों से मुठभेड़ का दावा किया था। पुलिस का कहना है कि सातों नक्सली भाग गए थे। पुलिस के मुताबिक, मुठभेड़ स्थल पर उन्हें एक बुजुर्ग के शव के साथ 315 बोर की रायफल और कुछ जिंदा कारतूस मिले। शव की जांच में पाया गया कि उसकी मौत गन शॉट से नहीं हुई है, लेकिन मौत का सही कारण नहीं बताया गया। याचिकाकर्ता ने शव के कुछ फोटो भी पेश किए और दावा किया कि आदिवासी हीरालाल टेकाम की मौत गोली लगने से हुई है। याचिका में डीजीपी, सीबीआई और एनआईए को पक्षकार बनाया गया है।