एक किसान एक परिवार पर नीलक्रांति मेहरबान
झीलपिपरिया के किसानों के साथ मिलकर मत्स्य विभाग कर रहा नीलक्रांति में गोलमाल
किसान और मत्स्य विभाग के लिए नीलक्रांति योजना वरदान साबित हो रही है। किसान और मत्स्य विभाग के अफसरों को शासन का पैसा हजम करने का मौका मिल रहा है। जिसकी वजह से नीलक्रांति योजना का लाभ एक ही किसान और एक ही परिवार को बार-बार दिया जा रहा है। मत्स्य विभाग का यह कारनामा झीलपिपरिया गांव में किया जा रहा है। नीलक्रांति योजना की जिले में बारिकी से जांच की जाए तो मत्स्य विभाग के अधिकारी और किसान के खिलाफ विभाग एफआईआर तक करा सकता है।
सिवनी। गोंडवाना समय। झीलपिपरिया गांव में नीलक्रांति योजना के तहत जहां पुराने तालाब के ऊपर तालाब का निर्माण कार्य किया जा रहा है। वहीं मत्स्य विभाग के अधिकारी किसान मुरली दयाराम चंद्रवंशी और शाबिर शाह के परिवार पर नीलक्रांति योजना के लिए मेहरबान है। गांव के जानकार सहित रिकार्ड खंगाला जाए तो कृषक मुरली को पहले भी नीलक्रांति योजना का लाभ दे दिया गया है। वहीं 2018-19 की नीलक्रांति योजना की सूची में शामिल साबिर शाह नासिर के परिवार के शकीना बी पति कदीर के नाम से 2016-17 में योजना का लाभ दिया जा चुका है। जबकि नियम और विभागीय सूत्रों की मानें तो सरकार की किसी भी योजना का लाभ एक बार से दोबारा नहीं मिल सकता है फिर ऐसे में कैसे मत्स्य विभाग द्वारा दोबारा योजना का लाभ दिया जा रहा है यह सवाल खड़ा हो रहा है।
झीलपिपरिया में जमकर फर्जीवाड़ा, जांच में खुल सकता है मामला
झीलपिपरिया गांव में नीलक्रांति के तहत जमकर फर्जीवाड़ा किया गया है। वर्षो पहले इसी योजना के तालाब जहां कागजों में दर्शा दिए गए हैं। वहीं दोबारा उन्ही हितग्राहियों को लाभ दे दिया गया है जो नियमों के खिलाफ है। अगर इस मामले की बारिकी से जांच की जाए तो नीलका्रंति योजना का फर्जीवाड़ा उजागर हो सकता है।
सरकारी जगह के साथ तालाब पर तालाब
मुरली चंद्रवंशी द्वारा सरकारी तालाब के ऊपर नीलक्रांति के तालाब का निर्माण कर रहे हैं। वहीं सूत्रों की मानें तो मुरली चंद्रवंशी को दोबार नीलक्रांति योजना का लाभ दिया जा रहा है। मत्स्य विभाग के डायरेक्टर सहित जिला प्रशासन को इस ओर गंभीरता से लेकर मामले की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग लोगों ने की है ताकि योजना में चल रहे फर्जीवाड़ा को रोका जा सके।बिना लेआउट का तालाब निर्माण
झीलपिपरिया गांव के साबिर शाह नासिर शाह के नाम से नीलक्रांति योजना के तहत तालाब निर्माण किया जा चुका है जिसका निर्माण कार्य इंजीनियर के दिशा निर्देश के हो गया है। इंजीनियर द्वारा मौके का मुआयना तो दूर लेआउट तक नहीं दिया गया है। ऐसे में तकनीकी अधिकारी अपना बचाव करते हुए मूल्यांकन कार्य से हाथ खींच सकते हैं। गौरतलब है कि खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए नीलक्रांति योजना योजना शुरू की गई है। जिले में भी यह योजना संचालित है लेकिन जिले के मछली विभाग में पदस्थ अधिकारी- कर्मचारी किसानों के साथ सांठगांठ करके नीलका्रंति योजना में फर्जीवाड़ा कर पलीता लगाया जा रहा है। इस मामले को लेकर मत्स्य विभाग के प्रभारी उपसंचालक रवि गजभिये को फोन लगाया गया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।इनका कहना है
नीलक्रांति को लेकर शिकायत मिलती है तो हम मामले की जांच कराएंगे और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई कराएंगेओपी सक्सेना, डायरेक्टर मत्स्य विभाग भोपाल