आदि महोत्सव दिल्ली में महुआ से शराब, ताड़ से ताड़ी, इमली की चटनी और लाख से चुड़ियों का निर्माण होते दिखेगा
इस महोत्सव में 23 राज्यों से 600 शिल्पकार, 20 से अधिक राज्यों से 80 शेफ और 200 से अधिक कलाकारों के 14 नृत्य दल भाग लेंगे।
नई दिल्ली। गोंडवाना समय।जनजातीय कार्य मंत्रालय और ट्राइफेड जनजातीय कला, संस्कृति, व्यंजन और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय जनजातीय पर्व आदि महोत्सव का आयोजन करेंगे। केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम ने पत्रकारों को बताया कि आदि महोत्सव का आयोजन दिल्ली हाट, आईएनए में 16 से 30 नवम्बर तक, नेहरू पार्क में 21 से 30 नवम्बर तक और नई दिल्ली के सेन्ट्रल पार्क में 16 से 19 नवम्बर, 2018 तक किया जाएगा। इस महोत्सव में जनजातीय कला एवं शिल्प, औषधियों, विभिन्न प्रकार के व्यंजनों की प्रदर्शनी एवं बिक्री और जनजातीय लोककला का प्रदर्शन होगा। इस आयोजन में देश के 23 राज्यों से जनजातीय कलाकार, शेफ, नर्तक/संगीतकार भाग लेंगे और अपनी समृद्ध पारंपरिक संस्कृति की झलक दिखाएंगे। केन्द्रीय मंत्री श्री जुएल ओराम ने कहा कि इस महोत्सव का विषय 'आदिवासी संस्कृति, कला, व्यंजन और व्यापार की भावना का उत्सव' है। इस उत्सव में 100 स्टॉल लगाए जाएंगे, जिन पर जनजातीय हस्तशिल्प, कला, चित्रकारी, कपड़े, गहने सहित कई और वस्तुओं की प्रदर्शनी और बिक्री होगी। इस उत्सव में अलग-अलग राज्यों से 200 से अधिक जनजातीय कलाकार भाग लेते हुए एक छोटे भारत की झलक दिखलाएंगे। श्री ओराम ने कहा कि इस आयोजन के नाम आदि महोत्सव से पता चलता है कि इसका आदि हिस्सा काफी महत्वपूर्ण है। आदिवासी जनजीवन आदिम सच्चाई, शाश्वत मूल्यों और प्राकृतिक सहजता से निर्देशित होता है। जनजातीय लोगों की महानता इस बात में है कि उन्होंने जनजातीय कौशल और प्राकृतिक सहजता को बनाये रखा है। उनका यही गुण उनकी कला और शिल्प को शाश्वत पहचान देता है।