भूत ने लिखी नोटसीट! सीईओ ने किया स्थानांतरण
शिक्षकों के स्थानांतरण पर गोलमोल जवाब देकर बच रहे मास्टर माइंड
जिला पंचायत में हुए शिक्षकों के स्थानांतरण के फर्जीवाड़े का मामला
सिवनी। गोंडवाना समय।
जिला पंचायत कार्यालय से हुए शिक्षकों के स्थानांतरण के मामले में शिक्षा शाखा की प्रभारी से लेकर लेखापाल और कम्प्यूटर आॅपरेटर तक साफतौर पर कह रहे हैं कि शासन के नियम विरूद्ध हुए स्थानांतरण के इस खेल में उनका कोई रोल नहीं है। वहीं मास्टर माइंड परियोजना अधिकारी और साथी कम्प्यूटर आॅपरेटर जिला पंचायत सीईओ को गुमराह कर गोलमोल जवाब दे रहे हैं। नोटसीट को किसने टाईप किया और किसने तत्कालीन सीईओ स्वरोचित सोमवंशी के पास तक पहुंचाई जिला पंचायत के मास्टर माइंड दोनों ही छुपा रहे हैं। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि जिला पंचायत में शिक्षकों के स्थानांतरण की नोटसीट भूतों ने लिखी है।
बता दो नहीं तो करानी पड़ेगी एफआईआर
शिक्षकों के स्थानांतरण और आचार संहिता को लेकर हुई शिकायत पर तत्कालीन सीईओ स्वरोचित सोमवंशी को भले ही जिले से स्थानांतरण कर दिया गया है लेकिन शिक्षकों और अध्यापकों के स्थानांतरण का मामला अभी थमा नहीं है। सूत्रों की मानें तो जिला पंचायत सीईओ श्रीमति मंजूशा विक्रांत राय द्वारा 16 नवंबर को कार्यालय की सहायक परियोजना अधिकारी शिक्षा शाखा प्रभारी श्रद्धा उइके, शिक्षा शाखा के ही सहायक ग्रेड वन डीके यादव,बीपी सनोड़िया सहायक ग्रेड वन एवं तुषार सुखदेव सहायक ग्रेड तीन एवं शिक्षा शाखा कम्प्यूटर आॅपरेटर सहित एमडीएम और स्वच्छता शाखा के कम्प्यूटर आॅपरेटर दूलेश्वर साहू,स्वच्छ भारत के परियोजना अधिकारी ओमेगा पाल से जिला पंचायत सीईओ श्रीमति मंजूषा विक्रांत राय द्वारा सभी अधिकारी-कर्मचारियों से बयान लिए गए हैं। सूत्र बताते हैं कि शिक्षा शाखा की सहायक परियोजना अधिकारी से लेकर कम्प्यूटर आॅपरेटर तक ने साफतौर पर जिला सीईओ से कह दिया है कि उनकी शाखा से अध्यापकों के स्थानांतरण संबंधित न कोई कागज टाईप किए गए हैं न और नोटसीट चलाई गई है। यहां तक की जिला पंचायत से अध्यापकों के स्थानांतरण तक की कोई फाईल मौजूद नहीं है। सूत्र बताते हैं कि सहायक श्रद्धा उइके ने तो इस मामले को लेकर जिला पंचायत सीईओ से एफआईआर तक कराए जाने की मांग की है। वहीं सूत्र यह भी बताते हैं कि दूलेश्वर साहू बचने के लिए मामला ओमेगा पाल पर सौंप रहे हैं और ओमेगा पाल सीधे तत्कालीन सीईओ स्वरोचित सोमवंशी पर मामला थोप रहे हैं लेकिन सवाल अभी भी बरकरार है कि क्या अध्यापकों के स्थानांतरण से संबंधित आदेश और नोटसीट की टाईपिंग किसने की और किस अधिकारी-कर्मचारी द्वारा नोटसीट चलाई गई है। सूत्र बताते हैं कि जिला सीईओ द्वारा परियोजना अधिकारी ओमेगा पाल को बयान दर्ज के दौरान लताड़ लगाई और सीईओ ने यह तक कहा है कि सही-सही बता दो नहीं तो वे एफआईआर भी करवा सकती हैं। जिला पंचायत कार्यालय के सूत्रों की मानें तो उन्होंने साफतौर पर किसी को न बक्श ने की बात कही है।
स्थानांतरित हुए अध्यापकों का पैसा फिर सकता है पानी में
शासन के नियमों के विरूद्ध पैसा देकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित हुए सहायक शिक्षक,अध्यापकों का पैसा पानी में फिर सकता है। सूत्र बताते हैं कि जिला पंचायत कार्यालय से जिला शिक्षा विभाग और ट्रायवल विभाग से तत्कालीन सीईओ स्वरोचित सोमवंशी के कार्यकाल में इधर से उधर हुए शिक्षक,सहायक शिक्षक,अध्यापक,वरिष्ठ अध्यापकों की सूची मांगी गई है। जिसे जिला पंचायत सीईओ श्रीमति मंजूषा विक्रांत राय निरस्त कर सकती है। जिला पंचायत से ऐसे संकेत मिले हैं। सूची मांगने की पुष्टि जिला शिक्षा अधिकारी एसपी लाल ने भी कर दी है। जिला पंचायत सीईओ मंजूषा विक्रांत राय द्वारा शिकायत के बाद हुई जांच की कापी इलेक्शन कमिशन को भेजे जाने की बात यदि सहीं है तो जल्द ही जिला पंचायत के मास्टर माइंड अधिकारी-कर्मचारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।