जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा और मूलभूत सुविधाओं से वंचित खैरदा के ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिष्कार
जहां एक निर्वाचन आयोग और जिला निर्वाचन विभाग के द्वारा गांव-गांव में शत प्रतिशत मतदान कराये जाने के लिये मतदाता जागरूकता अभियान चला रहा है तो उनके प्रचार प्रसार में जनप्रतिनिधियों के द्वारा जनता की मांग या क्षेत्र के विकास के लिये अनदेखी किये जाने के चलते ग्रामीण अंचल के ग्रामवासी मतदान का ही बहिष्कार करने की बात स्वयं जिला कलेक्टर कार्यालय में पहुंचकर कर रहे है । ऐसा एक मामला खैरदा गांव के ग्रामीणजन जब मतदान नहीं करने का आवेदन लेकर कलेक्टर कार्यालय डिंडौरी पहुंचे तो गांव में मूलभूत सुविधाओं से वंचित होने की जानकारी सामने आई है । गांव वालों को कैसे प्रशासन मतदान के लिये समझाईश देता है इसका ग्रामीणों को इंतजार है या फिर वे मतदान नहीं करेंगे यह तो 28 नवंबर को ही साफ हो पायेगा ।
मेंहदवानी। गोंडवाना समय। डिण्डौरी जिले के विकासखण्ड मेंहदवानी के ग्राम खैरदा ग्राम पंचायत जरहा नैझर के ग्रामवासियों ने ग्राम में मूलभूत सुविधाओं को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर डिण्डौरी को लिखित आवेदन देकर विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान का बहिष्कार करने का एलान किया है । ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम में मूलभूत सुविधा जैसे शुद्ध पेयजल, पानी, बिजली, पंहुच मार्ग सड़क तथा अन्य सुविधाएं नहीं है । प्रत्येक चुनाव में प्रत्याशियों के द्वारा बड़े-बड़े वायदे किये गए लेकिन सत्ता मिलने के बाद फिर कोई भी प्रत्याशी या उनके साथ घूमने वाले स्थानीय नेतागण कभी नहीं आते है । चुनाव की सुगबुगाहट होते ही ये सभी आने लगते है । इस क्षेत्र के वर्तमान विधायक एंव केबिनेट मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे है । जो पुन: प्रत्याशी के रूप में शहपुरा विधानसभा से खड़े हुए है। पूर्व में कांग्रेस की श्रीमति गंगाबाई उरेर्ती जी राज्यमंत्री थी । उनके द्वारा भी इस समस्या का निदान नहीं हो सका, ग्रामवासी अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि अभी गर्मी का मौसम दूर है लेकिन गांव में अभी से पेयजल की समस्या ग्राम में उत्पन्न होने लगी है । गर्मी के मौसम में तो एक एक बूंद पानी के लिए लोग तरसते है, गांव के हैण्डपंप सूख जाते है, गांव में मात्र एक-दो कुॅआ है, जिससे प्रतिदिन एक या दो परिवार ही पानी भर पाते है, इस तरह क्रमश: अपनी अपनी पारी अनुसार पानी भरते है। अनेको बार शिकायत के बाद कभी कभी पानी की टंकी ट्रेक्टर के द्वारा गर्मी के समय मिलता है।
नर्मदा नदी है किनारे लेकिन नलजल योजना के लाभ वंचित
ग्रामीणों ने बताया कि गांव की सीमा से ही नर्मदा नदी है। गांव में बिजली ना होने के कारण ग्रामवासी सिंचाई का लाभ भी नहीं ले पाते है । अगर ग्राम में नल जल योजना स्थापित कर दिया जाये तो गांव की इस समस्या हल हो सकती है लेकिन पीएचई विभाग द्वारा अनेक ऐसे गांव में नल जल योजना लगाई गई है, जंहा पर पानी की इतनी विकट समस्या नहीं है लेकिन उन गांवो को योजनाओं का लाभ दिया गया है, वंही डिण्डोरी तथा समनापुर विकासखण्ड में स्थित राठौर बाहुल्य ग्रामों में घर घर पानी पंहुचाया गया है, जो करोड़ो की योजना है, लेकिन पानी को तरसते गांवों में लाखों की योजना नहीं दी जा रही है।