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सिवनी मछुआ सहकारी समिति में वित्तीय अनियमित्ताऐं! जांच में दोषी

सिवनी मछुआ सहकारी समिति में वित्तीय अनियमित्ताऐं! जांच में दोषी

वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक ने प्रस्तुत की जांच रिपोर्ट

सिवनी। गोंडवाना समय। मछुआ सहाकारी समिति सिवनी द्वारा वित्तीय अनियमित्ताऐं किए जाने का मामला सामने आया है। यह मामला कार्यालय उपायुक्त सहकारिता विभाग के वरिष्ठ  सहकारी निरीक्षक सिवनी की प्रस्तुत जांच रिपोर्ट के बाद सामने आया है। हालांकि समिति के तत्कालीन अध्यक्ष का कहना है कि उन्हें जांच रिपोर्ट की जानकारी नहीं और न ही उन्हें जांच के दौरान बुलाया गया।

अध्यक्ष और संचालक मंडल दोनों दोषी

लोक सूचना अधिकार के तहत निकाली गई सिवनी मछुआ सहकारी समिति की वित्तीय अनियमित्ता की 28 सितंबर 2018 को पेश की गई जांच रिपोर्ट में सिवनी मछुआ समिति  के तत्कालीन संस्था अध्यक्ष और तत्कालीन संचालक मंडल को एनडी कटरे वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक ने  मप्र सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 59 अंतर्गत की गई जांच में  वित्तीय अनियमित्ता के लिए दोषी पाया है और सहकारिता विभाग के सूत्रों की मानें तो जल्द ही कार्रवाई भी हो सकती है।

ये है अनियमित्ताऐं-

आरटीआई के तहत निकाली गई जानकारी और जांच रिपोर्ट के आधार पर सिवनी मछुआ सहकारी समिति ाके तत्कालीन संस्था अध्यक्ष एवं मंडल संचालक द्वारा मत्स्य विभाग से वर्ष 2014-15  में 306000.00 रुपए की राशि नर्सरी निर्माण एवं मत्स्य आहार के लिए अनुदान प्राप्त राशि का नकद आहरण कर उसे समायोजन उसे व्यय दर्शाया गया है। नर्सरी निर्माण के लिए बैंक से अनावश्यक ऋण लेने पर अनुबंध व्यय  61216.00 तत्कालीन संस्था अध्यक्ष द्वारा दर्शाया गया है। जबकि तत्कालीन संचालक मंडल को वर्ष 2016-17 में मत्स्य विभाग से नर्सरी निर्माण के लिए प्राप्त अनुदान 5 लाख रुपए के बावजूद इसी कार्य के लिए  553577  रुपए का ऋण लिए जाने से संस्था के ऋण पर ब्याज की हानि मानते हुए 50651 रूपए की अनियमित्ता को लेकर संचालक मंडल को दोषी पाया गया है। इसके अलावा जांच में पाया गया है कि 14 अक्टूबर 2014 को समिति  कर्मचारी नीरज कश्यप से 25900रुपए अनावश्यक अमानत ली गई है। वहीं उसी तारीख को बैंक खाते से 45000 रुपए अनावश्यक राशि का आहरण भी किया गया है। जबकि तीन दिन बाद यानी 17 अक्टूबर को बैंक खाते से 40000ा रूपए फिर अनावश्यक आहरण किया गया है। जिसके लिए तत्कालीन अध्यक्ष को उत्तारदायी माना गया है। विभागीय जानकारी एवं जांच रिपोर्ट के अनुसार सिवनी मछुूआ सहकारी समिति  ने बगैर संचालक मंडल की सहमति के समिति कर्मचारी नीरज कश्यप को 77 मई 2016 को  32900 रुपए अमानत के रूप  में भुगतान की गई है। 2016-17 में बैंक से नर्सरी निर्माण के लिए 553577 रुपए का ऋण  प्राप्त कर वित्तीय वर्ष में   मात्र 65615 रुपए का व्यय किया गया है। शेष ऋण राशि का उपयोग नहीं करने से समिति को ऋण पर अनावश्यक ब्याज भुगतान करना पड़ा है। वहीं समिति ने 28 जुलाई 2016 को 30 हजार रुपए की दो नाव एवं 80 हजार रुपए खर्च कर  450 किलोग्राम जाल  क्रय किया गया है जिसकी खरीदी का संज्ञान समिति सदस्यों एवं संचालक मंडल को नहीं होना प्रतीत होता है और खरीदी का नकद भुगतान किया गया है। जिसको लेकर तत्कालीन अध्यक्ष और संचालक मंडल को दोषी माना गया है।

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