डिंडौरी बीआरसी कार्यालय में डॉ अंबेडकर का चित्र को ढांका
डा. अम्बेडकर जी के चित्र को पेपर से ढांक दिया गया
पुताई होती तो माँ सरस्वती की फोटो को भी ढांकते
पहले आचार संहिता का नियम, फिर बताया पुताई का बहाना
डिंडोरी। गोंडवाना समय। मध्य प्रदेश में सिवनी जिले के घंसौर तहसील के ग्राम छीतापार में आचार संहिता के चलते ग्राम के सभा मंच में डॉ अंबेडकर जी एवं बिरसा मुण्डा सहित, आदिवासी के प्रकृति शक्ति प्रतीक चिह्न की पुताई कर दिया गया था जिसे गोंडवाना समय द्वारा शासन प्रशासन व निर्वाचन आयोग का ध्यान समाचार प्रकाशन कर कराया गया था जिसके बाद प्रशासन ने कार्यवाही करते हुये दो कर्मचारियों को निलंबित भी किया गया था अब ऐसा ही एक और मामला डिंडौरी जिले के बीआरसी कार्यालय में आया है जहां पर चुनाव आचार संहिता के चलते डॉ भीमराव अंबेडकर जी के चित्र को पेपर से ढांक दिया गया है इसके पीछे बीआरसी कार्यालय के जिम्मेदार जवाबदार अधिकारी व कर्मचारियों का यह मानना है कि आचार संहिता के चलते इसे ढांका गया है । अब सवाल यह उठता है कि आखिर किसके आदेश से और कौन से नियम के तहत संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर जी की चित्र को ढांका गया है इसका जवाब भी कोई देने को तैयार नहीं है । हालांकि इस मामले की जानकारी जब बाहर आई तो ऐसा कृत्य किये जाने को लेकर लोगों में आक्रोश भी व्याप्त है । हम आपको बता दे कि बीआरसी कार्यालय डिंडौरी में दीवार पर लगे महापुरूष संविधान निमार्ता डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी का चित्र लगा हुआ है जिसे पेपर से ढांक दिया गया है । जब गोंड़वाना समय संवाददाता किसी कार्य से बीआर सी कार्यालय पंहुचे तो उनकी नजर उस समय कार्यालय में ढंके हुये चित्र पर गई तो नीचे की ओर से दिखाई दे रहा था कि वह डॉ भीमराव अंबेडकर चित्र है लेकिन इस संबंध में जवाब देने के लिये कोई भी अधिकारी कार्यालय में मौजूद नहीं थे । दीवार पर लगे डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र को देखा जो पेपर से ढक दिया गया था । हमारे संवाददाता ने जब बीआरसी राजेश परस्ते से जब इस संबध में बात की गई तो उन्होने कहा कि कार्यालय में पुताई के चलते ढक दिया गया है लेकिन कार्यालय को देखने से पता चलता है, कि अभी वर्तमान में कोई पुताई नहीं हो रही है, अगर पुताई होती तो डॉ. अम्बेडकर के साथ साथ अन्य चित्र को भी जैसे कि मां सरस्वती के चित्र को भी ढक दिया गया होता।