बरघाट के भाजपा प्रत्याशी नरेश निकले झूठे,शपथ पत्र गलत
सिवनी। गोंडवाना समय। अपने ही पार्टी के विधायक को प्रत्याशी घोषित करके नामांकन भरवाकर भीतरघात करने वाली भारतीय जनता पार्टी के बरघाट प्रत्याशी नरेश बरकड़े झूठे हैं। नामांकन प्रक्रिया के दौरान निर्वाचन कार्यालय में झूठा शपथ पत्र दिया गया है। शपथ पत्र में शोसल मीडिया वॉटसप और फेसबुक एकाउंट के कॉलम में कोई उल्लेख नहीं किया गया है। जबकि उनके द्वारा सोशल मीडिया का उपयोग किया गया है। वाट्सअप एकाउंट भी है और फेसबुक एकाउंट भी बना हुआ है जिसमें उनकी फोटो भी लगी हुई है। बरघाट विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी नरेश वरकड़े द्वारा भाजपा से नामांकन फार्म जमा करने के उपरांत प्रशासन द्वारा 12 नवम्बर तक स्कूटनी किये जाने की तिथी घोषित की गई थी सूत्रों का कहना है कि वरकड़े द्वारा जो जानकारी नामांकन फार्म में दी गई है वह भ्रामक है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उनके द्वारा नामांकन फार्म में मांगी गई जानकारी के अनुसार परिवार के संबंध में पत्नि एवं बच्चों के नाम नही उल्लेख किये गये है।इसी तरह उनके द्वारा दूरसंचार के साधनों जैसे मोबाईल,वाट्सअप एवं अन्य जानकारी के संबंध में भी उल्लेख नही किया गया है। इसके अलावा नामांकन फार्म में संपत्ति के ब्योरे के संबंध में उनकी कोसमी एवं आमगांव की जमीन के संबंध में भी उल्लेख नही है। जबकि उनके द्वारा नामांकन फार्म में दी जानकारी के साथ साथ शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया गया है। जिसमें स्पष्ट है कि वह जो जानकारी दे रहे है वह पूर्ण सत्य है। गौरतलब है कि वर्तमान में नरेश वरकड़े विधानसभा बरघाट के भाजपा प्रत्याशी हैं। इस मामले को लेकर यशपाल भलावी पिता बाबूलाल ने लिखित रूप से चुनाव अधिकारी को भी शिकायत करते हुए आपत्ति जताई है। हालांकि देखना यह है कि क्या शिकायतकर्ता की शिकायत पर निर्वाचन अधिकारी कोई संज्ञान लेते हैं या नहीं यह तो आने वाला समय बताएगा। इस संबंध में बरघाट के भाजपा प्रत्याशी के मोबाईल पर फोन लगाया गया लेकिन उनकी जगह कार्यकर्ता द्वारा फोन रिसिव कर अपवाह और भ्रामक बताई गई लेकिन प्रत्याशी के नाम से बना हुआ फेसबुक एकाउंट झूठ और सच खुद ही बंया कर रहा है। सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि भले ही यह छोटी सी गलती हो सकती है लेकिन लोगों को आशंका है कि शपथ पत्र में और भी झूठी जानकारी दी गई होगी। बरघाट क्षेत्र के एसडीएम डीआर विलवे का कहना है कि शपथ पत्र में क्या सही क्या गलत लिखा है कि इसकी जांच करने का काम आरो का नही है। शिकायत में भी कोई दम नहीं था इसलिए खारिज कर दिया है।