पति-पत्नी को नीलक्रांति तालाब का लाभ
झीलपिपरिया गांव में नीलक्रांति में फर्जीवाड़ा
सिवनी। गोंडवाना समय। किसान और मत्स्य विभाग के लिए नीलक्रांति योजना वरदान साबित हो रही है। शासन की मंशा के अनुरूप भले ही नीलक्रांति योजना से मत्स्य उत्पादन का ग्राफ न बड़ा हो लेकिन अफसरों और किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। नीलक्रांति योजना का लाभ एक ही किसान और एक ही परिवार को बार-बार दे दिया गया है। वहीं नीलक्रांति योजना में एक ही वर्ष में पति-पत्नी दोनों को नीलक्रांति योजना का लाभ दे दिया गया है। मत्स्य विभाग के पास मौजूद सूची में पति-पत्नी का नाम और खाता नंबर तक दर्ज है। मत्स्य विभाग का यह कारनामा झीलपिपरिया गांव में किया गया है। हालांकि उच्च स्तरीय जांच की जाए तो शायद नीलक्रांति योजना हीं नहीं अन्य योजना में भी फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है।
बिना लेआउट के किसानों ने बना लिए तालाब
आरईएस विभाग के एई ने बिना कार्यस्थल देखे ही किसानों के थपथ पत्र लेकर लेआउट दे दिया है। वहीं दूसरी तरफ किसानों ने भी इंजीनियरों के लेआउट दिए बिना ही अपनी मनमर्जी से तालाब खुदवा लिया है। हालांकि मत्स्य विभाग ने आरईएस विभाग से इंजीनियर के लिए पत्र लिखा है लेकिन उससे पहले ही किसानों ने तालाब खुदवा लिया है। एई सूर्यवंशी की मानें तो वे जब तक तालाब का मूल्यांकन कार्य नहीं करवाएंगे जब तक किसान मत्स्य विभाग की गाइडलाइन के तहत नलकूप खनन,फैसिंग और अन्य कार्य नहीं करवाएंगे।झीलपिपरिया गांव में पति-पत्नी को नीलक्रांति तालाब का लाभ
विभागीय सूत्रों की मानें तो झीलपिपरिया गांव में वर्ष 2016-17 में कदीर शाह को तो नीलक्रांति योजना के तहत लाभ दिया गया है उनके साथ में उनकी पत्नी श्रीमति शकीनाबी को भी नीलक्रांति योजना का लाभ दिया गया है। गोंडवाना समय के पास मौजूद सूची में कदीर शाह और उसकी पत्नी शकीना बी दोनों का नाम दर्ज है जिसमें कदीर शाह का बैंक आॅफ महाराष्ट्र का खाता क्रमांक 60232226802और श्रीमति शकीना बी के एसबीआई सिवनी का खाता क्रमांक 33189736686 भी अंकित है। हालांकि सूची में दोनों का रकबा अलग-अलग दर्शाया गया है। कदीर शाह का रकबा 2.210 और शकीना बी के नाम से रकबा 2.500 दर्शाया गया है।जाचं हो तो खुल सकता है फर्जीवाड़ा
मत्स्य विभाग में चल रही नीलक्रांति योजना के तहत जिस तरीके से मत्स्य विभाग ने लाभ दिया है उससे साफ जाहिर हो रहा है मछली विभाग के अधिकारी की उन हितग्राहियों के साथ सांठगांठ है। ऐसे में नीलक्रांति योजना के फर्जीवाड़े से इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि मत्स्य विभाग के उपसंचालक रवि गजभिये नीलक्रांति योजना के फर्जीवाड़े से इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि शिकायत मिलने पर ही जांच की जाएगी। वहीं उनका यह भी कहना है कि अलग-अलग खसरा नक्शा में लाभ दिया जा सकता है चाहे एक ही परिवार के लोग क्यो न हो। बहरहाल किसान कल्याण विभाग सहित अन्य विभागों में चल रही सरकारी योजना में एक परिवार को सिर्फ एक बार ही योजना का लाभ मिलने का प्रावधान है लेकिन नीलक्रांति योजना में पति-पत्नी,भाई सभी को लाभ दिया जा रहा है यह सवाल खड़ा हेो रहा है।इनका कहना है
नीलक्रांति को लेकर शिकायत मिलती है तो हम मामले की जांच कराएंगे और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई कराएंगे
ओपी सक्सेना, डायरेक्टर मत्स्य विभाग भोपाल