घालमेल: नहर की पुलिया ऐसी की ऊंगलियों से निकल रहा मटेरियल
ढेहकी-तिघरा गांव के बीच बनाई गई है पुलिया
किसानों के लिए करोड़ों रुपए की लागत से बनाई जा रही पेंच नहर ठेकेदारों के लिए चांदी और किसानों के लिए परेशानी का सबक बन सकती है। नहर हो या फिर नहर के बीच में बनाई गई पुलियों में तकनीकी खामियां,और लापरवाहियां देखी जा रही है। ठेकेदारों की इस मेहरबानी पर प्रशासन और जलसंसाधन विभाग तमाशबीन बनकर देख रहा है।
सिवनी। गोंडवाना समय।
मुख्यालय से तरकीबन छह-सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित ढेहकी-तिघरा गांव के बीच से गुजर रही नहर के चलते सड़क में सुचारू रूप से आवागमन के लिए सरला-मेंटेना कम्पनी द्वारा पुलिया का निर्माण कार्य किया गया है। पुलिया में तकनीकी अनदेखी के साथ-साथ गुणवत्ता की भी अनदेखी किए जाने से पुलिया का मटेरियल हाथों की ऊंगलियों से ही भरभरा कर निकल रहा है। वहीं दूसरी तरफ पुलिया में लोहे की उभरी हुई राड अलग ही दिखाई दे रही है जो खुद ही गुणवत्ता की कहानी का बयां कर रही है।
छह माह पहले ही बनाई गई है पुलिया-
ढेहकी गांव के अजय बघेल सहित अन्य किसान व ग्रामीण बताते हैं कि ढेंहकी-तिघरा के बीच बनाई गई पुलिया तकरीबन छह माह पूर्व बारिश के समय बनाई गई है। जिसमें नहर निर्माण कम्पनी सरला-मेंटेना के ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण कार्य किया गया है। अजय बघेल बताते हैं कि पुलिया निर्माण के दौरान रेत और सीमेंट की मात्रा कम मिलाई गई है। जिसकी वजह से पुलिया में पकड़ नहीं आई है। उनका कहना है कि घरों की छत से हथोड़ी या घन चलाने के बाद ही छत का मटेरियल बमुश्किल निकल पाता है लेकिन ठेकेदार द्वारा जो पुलिया बनाई गई है उससे तो हाथों की ऊंगलियों से ही छत का मसाला भरभराकर निकल रहा है। जिससे उसकी गुणवत्ता की पोल खुद ही खुल रही है।
तकनीकी रूप से भी गड़बड़-
किसान अजय बघेल सहित अन्य ग्रामीण बताते हैं कि ढेहकी गांव के पास दो पुलिया बनाई गई है जिसमें ढेंहकी और तिघरा गांव के बीच बनाई गई पुलिया तकनीकी रूप से भी गड़बड़ है। नहर कहीं ओर से घुमकर जा रही है और पुलिया कहीं ओर बनी है। पुलिया की तकनीकी गड़बड़ी के कारण किसानों के खेतों में बारिश के दौरान पानी भी भर जाता है। अजय बघेल बताते हैं कि उनकी फसल भी बर्बाद हो चुकी है।