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अंगदान के लिए लोगों की भागीदारी और जागरूकता महत्‍वपूर्ण: अश्‍िवनी कुमार चौबे

तमिलनाडु को चौथी बार अंगदान के लिए सबसे अच्‍छा राज्‍य घोषित किया गया

अंगदान के लिए लोगों की भागीदारी और जागरूकता महत्‍वपूर्ण: अश्‍िवनी कुमार चौबे

नई दिल्ली। गोंडवाना समय। 
केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्री अश्‍विनी कुमार चौबे ने नई दिल्‍ली में 9वें भारतीय अंगदान दिवस के अवसर पर कहा कि अंगदान को बढ़ावा देने के लिए लोगों की भागीदारी व जागरूकता बहुत महत्‍वपूर्ण है। इस कार्यक्रम का आयोजन राष्‍ट्रीय अंग व ऊतक प्रत्‍यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) ने किया है।
श्री चौबे ने कार्यक्रम में भाग लेने वालों को अंगदान करने की शपथ दिलाई। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्याण राज्‍यमंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल, तमिलनाडु के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री श्री डॉ. विजय भाष्‍कर, स्‍वास्‍थ्‍य सचिव श्रीमती प्रीति सूदन, अवर सचिव डॉ. आर.के. वत्‍स तथा डीजीएसएचएस के  डॉ. एस. वेंकटेश भी इस कार्यक्रम में उपस्‍थित थे। अपने संबोधन में श्री चौबे ने कहा कि अंगदान के प्रति बहुत सारे मिथक और भ्रांतियां हैं। अंधविश्‍वास के आधार पर अंगदान को हतोत्‍साहित किया जाता है। श्री चौबे ने लोगों से आग्रह किया कि वे बिना किसी भय के अंगदान के लिए आगे आए। उन्‍होंने कहा कि मैं उन सभी लोगों को सलाम करता हूं जिनके परिजनों ने अंगदान करने का साहस दिखाया है। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि कारण और तर्क के दृष्‍टिकोण से देखने पर यह स्‍पष्‍ट है कि जीवन का उपहार सबसे बड़ा उपहार है। यह ईश्‍वरीय कार्य के समान है, इसलिए इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्‍होंने आगे कहा कि भारत में अधिकांशत: जीवित व्‍यक्‍ति ही अंगदान कर रहे हैं। मृतकों से प्राप्‍त अंगों में से केवल 23 प्रतिशत अंगों का ही प्रत्‍यारोपण हो पा रहा है। जीवित व्‍यक्‍तियों के अंगों की खरीद बिक्री के खतरे को समाप्‍त करने के लिए मृत व्‍यक्‍तियों के अंगदान को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
तमिलनाडु सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. सी. विजय भाष्‍कर ने इस बात पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि तमिलनाडु को चौथी बार अंगदान के लिए सबसे अच्‍छा राज्‍य घोषित किया गया है। उन्‍होंने कहा कि अंगदान करने वाले व्‍यक्‍तियों से प्राप्‍त अंगों को उपयोग के लायक जीवित रखने में राज्‍य ने उल्‍लेखनीय कार्य किया है। तमिलनाडु देश का पहला राज्‍य है, जिसने इस संदर्भ में कई पहलों की शुरूआत की है, जैसे मस्‍तिष्‍क स्‍टेम मृत्‍यु का प्रमाणपत्र बनाना, अंग वितरण को सुव्‍यवस्‍थित करना और अंगों के आवागमन के लिए हरित कॉरिडोर निर्धारित करना आदि। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सचिव श्रीमती प्रीति सूदन  ने अंगदान करने वाले परिवारों की सराहना की और अंगदान के क्षेत्र में देश का नेतृत्‍व करने के लिए तमिलनाडु को बधाई दी। उन्‍होंने लोगों से  आग्रह किया कि वे अपने निकट संबंधियों से अंगदान के प्रति अपनी इच्‍छा को बताएं ताकि उनके इस संसार से जाने के बाद यह कार्य सुचारु रूप से पूरा हो सके। उन्‍होंने कहा,जीवन के बाद जीवन का उपहार दें, मृत्‍यु के बाद भी हम अपने जीवन को बेहतर बनाएं कार्यक्रम में देश के विभिन्‍न भागों से आए मृत्‍यु के बाद अंगदान करने वाले व्‍यक्‍तियों के परिजनों को सम्‍मानित किया गया। तमिलनाडु को भी पुरस्‍कार दिया गया। अंगदान पर जागरूकता बढ़ाने के लिए महाराष्‍ट्र को सर्वश्रेष्‍ठ राज्‍य घोषित करते हुए पुरस्कार दिया गया। एआईएमएस कोच्‍चि के डॉ. के. सुब्रहमणिया अय्यर को देश का पहला सफल हाथ प्रत्‍यारोपण के लिए सम्‍मानित किया गया। पुणे के डॉ. शैलेश पुनतांबेकर को भारत का पहला गर्भाशय प्रत्‍यारोपण के लिए पुरस्‍कार प्रदान किया गया। सहयोग प्रदान करने वाली संस्‍थानों एवं संगठनों को भी पुरस्‍कार प्रदान किए गए। इस कार्यक्रम में बीएसएफ व सीआरपीएफ के वरिष्‍ठ अधिकारी, विभिन्‍न विकास संगठनों के प्रतिनिधि  तथा छात्र भी उपस्‍थित थे।










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