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सूदखोरों से त्रस्त सिंचाई विभाग के हेल्पर ने आॅफिस में लगाई फांसी

सूदखोरों से त्रस्त सिंचाई विभाग के हेल्पर ने आॅफिस में लगाई फांसी 

शिकायतें कई लेकिन मौत के बाद पुलिस ने सूदखोरों की सुध

जिले में सूदखोरी का व्यवसाय धड़ल्ले से और तेजी से फल-फूल रहा है। 5 प्रतिशत से लेकर 15 प्रतिशत तक ब्याज और उसका चक्रवर्ती ब्याज वसूला जा रहा है। सूदखोरों को लेकर पुलिस और प्रशासन को कई बार शिकायत हो चुकी है और समाचार पत्र भी प्रकाशित कर चुके हैं कि सूदखोरी से लोग परेशान हैं लेकिन पुलिस और प्रशासन सूदखोरों पर लगाम नहीं कस पाई। सूदखोरी से त्रस्त और सुसाइड नोट मिलने के बाद  अब कोतवाली पुलिस सूदखोरों की  सुध ले रही है।


सिवनी। गोंडवाना समय। 
सिवनी नगर में सिंचाई विभाग में नलकूप विद्युत उप संभाग में हेल्पर के पद पर कार्यरत उदय सिंह बघेल पिता भीकम सिंह बघेल उम्र करीब 48 साल निवासी एरीगेशन कॉलोनी सिवनी द्वारा शुक्रवार शाम करीब  साढ़े छह बजे आॅफिस के कमरे में गमछे का फंदा बनाकर पंखे में लटककर अपनी जान दे दी।
मौत की वजह सूदखोरों द्वारा ब्याज की राशि के लिए परेशान किया जाना है। मरने से पूर्व उदय सिंह बघेल का पुलिस को सुसाइडनोट भी मिला है जिससे परेशान करने वाले  सूदखोरों का नाम लिखा हुआ है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर सूदखोरों को गिरफ्तार कर लिया है।

सुसाइड नोट में लिखा किससे कितना लिया था कर्ज

मृतक उदय सिंह बघेल द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट में उल्लेख है कि उसने  लेखराम चंद्रवंशी से 100000 रूपए कर्ज लिया था जिसका 400000 रूपए ब्याज दे चुका है। गोकुल चंद्रवंशी से 50000 रूपए का कर्जा लिया था जिसका 69600 ब्याज दे चुका है।  इसी तरह मदन रजक से 45000 कर्जा लिया था जिसका 80000 ब्याज चुका दिया है। वहीं बल्लू पान वाले से 45000 कर्जा लिया था जिसका 81000 रूपए ब्याज दे चुका है। मृतक ने लिखा है कि मूलदन से ज्यादा ब्याज की रकम चुका देने के बाद भी सूदखोरआए दिन उसे प्रताड़ित करते थे जिस की प्रताड़ना से उदय सिंह बघेल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने के बाद घटना स्थल पर पहुंचे कोतवाली के उपनिरीक्षक एनएस टेकाम, आरक्षक तिलकराम धुर्वे द्वारा जांच के दौरान मृतक  उदय सिंह बघेल के पेंट की  जेब से पॉकेट डायरी बरामद हुई है। जिसमें खुलासा हुआ कि आवश्यकताओं के चलते सिंचाई विभाग के हेल्पर उदय सिंह बघेल ने सूदखोरों लेख राम चंद्रवंशी,  गोकुल चंद्रवंशी, मदन रजक और बल्लू चाय वाले से कुल करीब 250000 रूपये कर्जा लिया था । जो गत एक वर्ष में मूलधन से भी अधिक ब्याज चुका दिया था किंतु सूदखोर लगातार उसके घर पर आकर परेशान करते रहे और लगातार पैसे वसूलने के लिए धमकाते रहे जिस से त्रस्त होकर उदय सिंह बघेल ने सुसाइड नोट लिख कर फांसी लगाकर आत्महत्या करने को विवश हुआ ।

पुलिस के हत्थे चढ़े सूदखोर

कोतवाली पुलिस ने चारों सूदखोरों के खिलाफ धारा 306, 34 भारतीय दंड विधान एवं धारा 4 कर्जा एक्ट (मध्य प्रदेश ऋणियों  का संरक्षण अधिनियम 1937) पंजीबद्ध किया जाकर तत्काल चारों सूदखोर लेख राम सूर्यवंशी पिता अतर लाल सूर्यवंशी उम्र 55 साल निवासी टैगोर मोहल्ला एजे के थाने के सामने  सिवनी,  गोकुल प्रसाद सूर्यवंशी पिता माहू लाल सूर्यवंशी निवासी बबरिया स्कूल के पीछे अकबर वार्ड सिवनी, मदन उर्फ गोधन रजक पिता सेहू लाल रजक उम्र 40 साल निवासी मानेगांव सिवनी एवं  बल्लू उर्फ नंदकिशोर भारद्वाज पिता अगहन लाल भारद्वाज उम्र 30 साल मानेगांव रोड सिवनी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस की पूछताछ पर स्वीकार किया कि मृतक उदय सिंह बघेल को मौका जरूरत पड़ने पर उधार दिया था और उधार के बदले मूलधन से अधिक ब्याज भी ले चुके हैं।
सूदखोरों की करें शिकायत      

सूदखोरों की शिकायत करने पीड़ितों से पुलिस ने की अपील करें 

उल्लेखनीय है कि नगर में ऐसे कई मजबूर और परेशान लोग हैं जो सूदखोर के चंगुल में फंसे हुए हैं किंतु पुलिस के पास अपनी सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते हैं जैसा कि उदय सिंह बघेल ने भी परेशान होकर आत्महत्या तो कर ली परंतु पुलिस या प्रशासन की मदद नहीं ली ऐसे गरीब और मजबूर लोगों से अपील की गई है कि यदि किसी सूदखोर से त्रस्त हैं परेशान हैं तो उसके लिए विधिवत संबंधित थाने में  सूचना देकर मदद प्राप्त करें जिससे समय पर कानूनी कार्यवाही की जा सके। उदय सिंह बघेल के परिवार में उनकी पत्नी लक्ष्मी बघेल और पुत्री कुमारी सुनीता बघेल हैं उनके पुत्र का पूर्व में ही देहांत हो चुका है। मृतक की पत्नी और बेटी ने अपने कथनों में आए दिन सूत्रों द्वारा घर आकर  धमकाने और ब्याज ले जाने की बात कही है कोतवाली पुलिस चारों सूदखोरों का पुलिस रिमांड लेकर यह भी पता करने का प्रयास कर रही है कि इनके द्वारा और कितने ऐसे लोगों को अपने चंगुल में फंसाया जा कर ब्याज की लंबी रकम डकारी गई है ।

सिकरवार एसपी के रहते कांपते थे सूदखोर

सिवनी जिला मुख्यालय ही नहीं पूरा जिला सूदखोरों के चुंगल में फंसा हुआ है आर्थिक आवश्यकता पड़ने पर जरूरतमंदों के द्वारा जो  रकम ली जाती है उससे कई गुना रकम वसूल लेते हे लेकिन फिर भी इनका मूलधन तो छोड़ों ब्याज की ही रकम समाप्त नहीं होती है । सिवनी जिले में तो सरकारी अधिकारी कर्मचारी का एटीएम सूदरखोरों के पास रहता है और वेतन मिलने वाले दिन ये अपने ब्याज की रकम स्वयं निकाल लेते हैं।ा शहर और ग्रामीण क्षेत्रों  में  कई ऐसे सूदखोर व्यक्ति मौजूद हैं जो ब्याज का ही धंधा चला रहे हैं और बैठे-बैठे लखपति बन रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि यदि  पुलिस एटीएम में लगे हुए कैमरा खंगाल ले तो खुद ही सूदखोरों के चेहरे स्वयं सामने आ जायेंगे पुलिस को ज्यादा मेहनत नहीं करना पड़ेगा।

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