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भाजपा सांसद प्रतिनिधि एवं किसान मोर्चा महामंत्री के गांव में चुनाव का बहिष्कार का एलान

भाजपा सांसद प्रतिनिधि  एवं किसान मोर्चा महामंत्री के गांव में चुनाव का बहिष्कार का एलान 

क्षेत्रिय विधायक की कार्यप्रणाली पर भी उठ रहे सवाल


घंसौर। गोंडवाना समय। 
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मतदाता भी अब अपने रंग में आने लगे हैं मध्य प्रदेश के सबसे बड़ी  विधानसभा क्षेत्र लखनादौन के अंतर्गत तहसील घंसौर के ग्राम पंचायत बिनौरी एवं रूपदोंन सहित कुछ गांव और भी है जहां पर ग्रामीणों द्वारा मतदान बहिष्कार किये जाने एलान ग्रामीणों के द्वारा किया जा रहा है ।  विधानसभा चुनाव का बहिष्कार की बात ग्रामीणजनों द्वारा किया जाने की बात सामने आना वो ऐसे ग्रामों से जहां से सांसद प्रतिनिधि निवास करते हो या विधानसभा क्षेत्र का विधायक की कार्यप्रणाली भी उजागर होती है । विधानसभा में इस तरह का माहौल देखकर अब यह कहना मुश्किल लगने लगा है कि विधानसभा लखनादौन में किसका वर्चस्व रहेगा वहीं मतदान बहिष्कार का  नारा लगाते हुए
दर्जनों ग्रामों के ग्रामीणों द्वारा 24 नवंबर को घंसौर तहसील कार्यालय पहुंचे और महामहिम राज्यपाल के नाम उन्होंने ज्ञापन सौंपकर मतदान बहिष्कार करने संबंधी ज्ञापन भी सौंपा
ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि कुछ वर्ष पूर्व प्रदेश की मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा केदारपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नर्मदा से लेफ्ट एरिकेशन के माध्यम से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की थी लेकिन आज तक उस पर अमल नहीं किया गया । मां नर्मदा का जल भरवा जो घंसौर क्षेत्र की भूमि पर फैला हुआ है जिससे लिफ्ट एरिकेशन के माध्यम से खेतों तक पानी पहुंचाया जा सकता है वहीं ग्रामीणों द्वारा आक्रोश जताते हुये कहा गया है कि इस क्षेत्र को सिंचाई की कोई सुविधाओं  का लाभ नहीं मिला जिससे क्षेत्र का आदिवासी ही संपूर्ण समाज का किसान आर्थिक रूप से कमजोर होता जा रहा है । बताया तो यह भी जाता है कि बीते वर्ष नर्मदा से समूह जल प्रदाय योजना स्वीकृति के नाम पर स्थानीय सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और लखनादौन विधायक योगेन्द्र सिंह बाबा सहित जनप्रतिनिधियों ने खूब वाहवाही लूटी परंतु चुनाव से पहले स्वीकृति आज तक नहीं करा पाए । कई किलोमीटर तक जल भरा होने के बावजूद क्षेत्र के किसान सूखे की मार झेल रहे हैं इसके प्राकृतिक प्रकोपों के चलते इस क्षेत्र के अधिकांश किसान तथा परिवार भरण पोषण के लिये पलायन तक करने को मजबूर हुये है । जबकि ग्रामीणों को यह मालूम है कि अभी आचार संहिता लगी है कोई भी नये कार्य की घोषणा या स्वीकृति नहीं मिल सकती है उसके बाद भी ग्रामीणजन आक्रोष भरे अंदाज में यह कह रहे है कि हमारी मांगें चुनाव से पहले पूर्ण नहीं की गई तो हम चुनाव का बहिष्कार को लेकर पूर्व क्षेत्र में भर प्रभात रैली निकालकर गांव गांव में प्रचार-प्रसार के माध्यम वोटों का बहिष्कार करने हेतु कोई भी पार्टियों को गांवों में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा ।

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