Type Here to Get Search Results !

आदिवासी समाज को बिरसामुण्डा जयंति के दिन कांग्रेस को बेच दिया बिरसा बिग्रेड ने-श्याम धुर्वे

आदिवासी समाज को बिरसामुण्डा जयंति के दिन कांग्रेस को बेच दिया बिरसा बिग्रेड ने-श्याम धुर्वे 

बरघाट। गोंडवाना समय। बरघाट विधानसभा से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार श्याम धुर्वे ने कांग्रेस पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुये कहा कि विधानसभा बरघाट क्षेत्र की आम जनता व मतदाताओं को यह अवगत कराना चाहते है कि कि मैं अपने चुनाव प्रचार में लगा हूॅ लेकिन कांग्रेस पार्टी व इत्यादि पाटीर्यों के लोग यह भ्रमक प्रचार कर रहे है कि श्याम धुर्वे ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया है कांग्रेस की यह अफवाह व भ्रामक प्रचार प्रसार वैसा ही झूठा है जैसा कांग्रेस कि ने स्वतंत्रता के 70 वर्षों से आदिवासियों के साथ छलकपट किया है । आदिवासियों, अनुसूचित जातियां, पिछड़ा वर्गों एवं हर वर्ग के संवैधानिक हक व अधिकारों से वंचित लोगो के साथ भी कांग्रेस ने धोखा किया है । इसलिये कांग्रेस के नेताओं के द्वारा आदिवासियों के साथ अनुसूचित जातियों व अन्य पिछड़ा वर्ग के हक अधिकारों की बात करना और उसकों पूरा करने में जमीन आसमां का फर्क है क्योंकि इनके सबसे बड़े शोषण करने वाली कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के नेता ही है इसलिये इनके बहकावे और झूठे भ्रामक प्रचार प्रसार में क्षेत्रिय मतदाता व आम जनता न आये। गोंगपा के अधिकृत उम्मीदवार श्याम धुर्वे ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि वह हमेशा वंचित वर्गों की लडाई लड़ते आये है और वह कांग्रेस की पॉच पैसों का भी सदस्य नहीं हूूॅ, कांग्रेस में आया राम गया राम चलता है । कांग्रेस की टिकिट बरघाट विधानसभा क्षेत्र से एक आयाराम को मिली है इसलिये असली कांग्रेसियों को भारी तकलीफ हो सकती है । आगे श्याम धुर्वे ने कहा कि रहा सवाल बिरसामुण्ड़ा बिग्रेड का तो मैंने उसको फर्श से अर्श तक बढ़ाया है लेकिन उसमें कुछ दलालों की घूसपैठ हुई उन्होने शहिदों के नाम से धंधा शुरू किया । भोला-भाला समाज को मिशन के नाम पर लाखो रूपया लूटा है। इनकी धनलोलुपता की हवस बढ़ती गई और 22 सितम्बर 2018 को चूना भट्टी में फैसला लिया गया कि बिरसा बिग्रेड विधानसभा चुनाव लड़ेगा फिर कांग्रेस हाई कमान से मिलने भी गये और कांग्रेस से टिकिट लेने का आवेदन लगाया गया और सौदा चालू हुआ । इसके बाद कांग्रेस से जब टिकिट मिलने के आसार खत्म हो गये तो बरघाट विधानसभा क्षेत्र से एक भोले भाले आदमी को चुनाव का फार्म भराया गया और उसको उस दिन बेचा गया जिस दिन 15 नवम्बर को शहीद बिरसा मुण्ड़ा जी का जन्म दिवस था। आगे श्याम धुर्वे ने बिरसा मुण्डा जी के असली अनुयाईयों से उन्होंने विनम्र निवेदन किया है कि वे बिकाऊ धूर्तों से सावधान रहें अपने जल जंगल जमीन के मिशन पर काम करते हुये गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी का कार्य करें।


बिरसा बिग्रेड समर्थित प्रत्याशी ने कांग्रेस को दिया समर्थन


बिरसा बिग्रेड ने बरघाट विधानसभा क्षेत्र सहित सिवनी जिले में चुनाव के पहले पूरे गांव गांव में पार्टीवाद, झण्डावाद, राजनीति नहीं करना है हमको मिशन का काम करना है हमको राजनीति से कोई लेना देना नहीं है और भी तरह तरह के नारे गांव-गांव और सभा सम्मेलन कर हजारों की तादाद में आदिवासियों की भीड़ जुटाकर मंचों पर भाषण देकर संदेश दिया लेकिन चुनाव के अंतिम दिन बिरसा बिग्रेड के समर्थन से अपने अपने उम्मीदवारों को सिवनी जिले बरघाट, केवलारी में चुनाव में प्रत्याशी भरवाकर मैदान में उतार दिया और नामांकन के दिन हजारों की संख्या में फिर रैली निकालकर गगनभेदी नारों के साथ संदेश दिया कि हमारा विधायक बनाकर रहेंगे लेकिन बरघाट विधानसभा के प्रत्याशी नेपाल उईके ने राहूल गांधी की सभा के बाद राहूल गांधी के वक्तव्यों को सुनने के बाद इतने प्रभावित हुये कि उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अर्जुन सिंह काकोड़िया को अपना समर्थन दे दिया । जैसे ही बिरसा बिग्रेड के समर्थित उम्मीदवार के द्वारा कांग्रेस को समर्थन दिये जाने की खबर फैलने के बाद से ही कोई भी जवाबदार व जिम्मेदार बिरसा बिग्रेड का पदाधिकारियों के मोबाईल फोन तक बंद हो गये है गांव-गांव में अब यही चर्चा चल रही है कि राजनीति नहीं करना कहने वालों की आखिरकार पोल खुल ही गई ।

चुनाव के पहले बोलते थे नहीं करना है राजनीति

हम यदि बिरसा बिग्रेड की बात करें तो इनके द्वारा आदिवासी समाज के सगाजनों को मीटिंग व कार्यक्रमों में बुलाकर यह कहा जाता था कि हमें राजनीति नहीं करना है लेकिन जैसे ही चुनाव का मौसम आया तो राजनैतिक दलों के राष्ट्रीय पदाधिकारियों से मुलाकात और संपर्क की तस्वीरे सामने आने लगी और चुनाव में उम्मीदवारों को उतारा भी गया लेकिन बरघाट विधानसभा में तो चुनाव लड़ने के पहले ही बिरसा बिग्रेड के प्रत्याशी ने घुटने टेक दिये और कांग्रेस के उम्मीदवार अर्जुन सिंह काकोड़िया को समर्थन देने का ऐलान यह कहकर कर दिया है कि राहूल गांधी और कांग्रेस ही आदिवासियों का भला कर सकती है ।

राहूल गांधी से हुई थी सतीश पेंदाम की मुलाकात

बीते माह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहूल गांधी के साथ बिरसा बिगे्रड के प्रखर वक्ता और अंतराष्ट्रीय संचालक मानने वाले इंजिनियर सतीश पेंदाम की मुलाकात हुई थी जिसकी फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुई थी इसके बाद से ही बिरसा बिग्रेड के आंदोलन से जुड़े हुये लोगों में तीखी प्रतिक्रिया देखी गई थी लेकिन बिरसा बिग्रेड का मिशन चलाने वालों ने यह कहना शुरू कर दिया था कि आखिर हमें आज नहीं तो कल तो राजनीति के मुकाम पर जाना ही था इसलिये यह निर्णय लिया गया है कि बिरसा बिग्रेड 70 विधानसभा में अपने उम्मीदवार उतारेगी लेकिन मध्य प्रदेश की जानकारी की तो नहीं लेकिन सिवनी जिले की बात करें तो बरघाट विधानसभा में बिरसा बिग्रेड के द्वारा अपने उम्मीदवार को चुनाव में फार्म भरवाया गया लेकिन उसका समर्थन कांग्रेस को दिलवा दिया गया है इसके पीछे कौन कौन शामिल है इसका खुलासा होना बाकी है लेकिन जिस तरह से कांग्रेस को समर्थन दिया गया है इसको लेकर आदिवासी समाज में नाराजगी व्याप्त है ।


गोंगपा का आरोप सिवनी विधानसभा में बरगला रहे मोहन चंदेल 

कांग्रेस जो आजादी के बाद से ही आदिवासी ही नहीं पूरे देश की जनता के साथ धोखा करती आई उसी परिणती पर कांग्रेस के उम्मीदवार भी छलकपट का सहारा लेकर चुनावी बेतरणी पार करना चाह रहे है उक्त बाते जारी विज्ञप्ति में गोंगपा सिवनी ब्लॉक अध्यक्ष कृष्ण कुमार धुर्वे ने बताया कि सिवनी विधानसभा से कांग्रेस के उम्मीदवार मोहन चंदेल के द्वारा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी में सेंध लगाकर छलकपट का सहारा लेकर आपसी फूट डालने का जो प्रयास किया जा रहा है वह कांग्रेस की असली पहचान है जो आदिवासी समाज को 70 वर्षों से लूटता आ रहा है साथ आदिवासियों की एकता में फूट डालने का काम कर रहा है । यही हरकत सिवनी विधानसभा में कांग्रेस के प्रत्याशी मोहन चंदेल के द्वारा किया जा रहा है लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार और कांग्रेस की नीति को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सफल नहीं होने देगी । कांग्रेस के द्वारा सिवनी विधानसभा में भी गोंगपा के खिलाफ में भ्रामक प्रचार प्रसार किया जा रहा है जिसका जवाब देने के लिये गोंगपा अब गांव-गांव में अभियान चलायेगी ।








Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.