अध्यापकों के वापसी के संकेत,धड़कन तेज उगलने लगे पैसे लेने वालों के नाम
पैसे देकर ट्रान्सफर,अब सीईओ ने किया जवाब-तलब
सिवनी। गोंडवाना समय।
जिला पंचायत के तत्कालीन सीईओ और उनकी टीम के भरोसे मंद परियोजना अधिकारी और कम्प्यूटर आॅपरेटर ने मिलकर पैसे लेकर शासन की नीति और नियमों को ठेंगा दिखाकर स्थानांतरण तो कर दिया लेकिन गोंडवाना समय द्वारा लगातार खबर प्रकाशित करने और शिकायत होने के बाद जिला पंचायत कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई है। भ्रष्टाचार करने के बाद भी चुप्पी साधने वाले तत्कालीन सीईओ स्वरोचित सोमवंशी,परियोजना अधिकारी ओमेगा पाल और एक अन्य कम्प्यूटर आॅपरेटर के कारनामों की फाईल खोलकर वर्तमान सीईओ श्रीमति मंजूषा विक्रांत राय कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारियों के बयान दर्ज करने के बाद शनिवार 24 नवंबर को स्थानांतरित हुए अध्यापकों को नोटिस भेजकर जवाब-तलब किया गया है। तकरीबन एक दर्जन के लगभग अध्यापकों की सीईओ द्वारा कार्यालय में बयान दर्ज किए गए हैं। जबकि इसके पूर्व भी ट्रायवल और शिक्षा विभाग के अध्यापकों के बयान दर्ज किए गए हैं।
55 अध्यापकों का हुआ था स्थानांतरण,अब होंगे निरस्त-
शिक्षा विभाग के तहत 33 और ट्रायवल विभाग के 22 अध्यापकों के स्थानांतरण जिला पंचायत कार्यालय द्वारा शासन के नियमों के विरूद्ध किया गया था। इस मामले की जानकारी लगने के बाद दैनिक गोंडवाना समय समाचार पत्र द्वारा लगातार खबरें प्रकाशित की जा रही है। जिसके चलते इस मामले की लिखित रूप से शिकायत भी की गई है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीईओ श्रीमति मंजूषा विक्रांत राय द्वारा सभी स्थानांतरित हुए अध्यापकों की सूची ट्रायवल और शिक्षा विभाग से लेकर अध्यापकों को जवाब-तलब किए जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि उनसे शासन के आदेश और नियम-नीति मांगी गई लेकिन वे नहीं पेश कर पा रहे हैं। बयान देने आए कुछेक अध्यापकों ने बताया कि सीईओ जिला पंचायत ने उन्हें वापस पुरानी पदस्थापना में जाने के लिए कह दिया है।
सकते में अध्यापाक,उगलने लगे नाम
पैसे देने के बावजूद फिर से पुरानी पदस्थापना में जाने के आदेश से अध्यापक सकते में आ गए हैं। अब धीरे-धीरे अध्यापकों ने जिला पंचायत कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारियों को किसके माध्यम से पैसे पहुंचाया गया है उनके नाम उगलने लगे हैं। शनिवार को जिला पंचायत कार्यालय में बयान देने पहुंचे एक दर्जन से अधिक अध्यापकों में से दो अध्यापकों ने नाम न छापने की शर्त पर पैसे लेने वालों के नाम उजागर किए हैं। हालांकि कहावत है कि पाप छुपाए नहीं छुपता ठीक उसी प्रकार पैसा लेने वाले भले ही चुप बैठे हुए हैं लेकिन उनके नाम व सबूत खुद ब खुद अध्यापकों के पुरानी पदस्थापना में जाने के बाद स्थानांतरित अध्यापक सामने ला देंगे। गोंडवाना समय द्वारा चर्चा के दौरान जिला पंचायत सीईओ ने संकेत दिए हैं कि अध्यापकों स्थानांतरण के निरस्त होने की कार्रवाई प्रोसेड़िग में है।
इधर-उधर छुप रहे थे अध्यापक
गौरतलब है कि जिले भर में शिक्षक-अध्यापकों को पता चल गया है कि जिला पंचायत कार्यालय से हुए अध्यापकों के स्थानांतरण की खबरें गोंडवाना समय समाचार पत्र द्वारा लगातार प्रकाशित किया जा रहा है जिसके चलते शनिवार को जब गोंडवाना समय की टीम जिला पंचायत कार्यालय पहुंची तो अध्यापका कैमरे की नजर से बचने के लिए इधर-उधर छिप रहे थे। वहीं कुछेक लोग अपने नाम और अध्यापक हैं छिपा रहे थे ताकि गोंडवाना समय की टीम खबर में प्रकाशित न करे सकें।
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