Type Here to Get Search Results !

बेटियों का रोप मलखम, दिखा दिया हम बेटों से कम नहीं

बेटियों का रोप मलखम, दिखा दिया हम बेटों से कम नहीं

सिवनी। गोंडवाना समय।
शहर के पुलिस स्टेडियम ग्राउंड में जैतपुर कला स्कूल की छात्राओं ने बेखौफ और निडर होकर रोप मलखम का शानदार प्रदर्शन किया उससे उन्होने बता दिया कि हम बेटियां भी बेटों से कम नहीं है। छात्राओं के रोप मलखम को देखकर पुलिस मैदान तालियों से गूंज उठा। जिले का जैतपुर एक पहला स्कूल हैं जहा छात्र-छात्राऐं मलखम का खेल को सीखकर स्टेट लेवल तक में प्रदर्शन स्कूल और जिले को कई अवार्ड दिला चुके हैं। स्टेडियम ग्राउंड में रोप मलखम करने वाली छात्राओं में अमृता चौधरी,स्वेच्छा बघेल,सलौनी बघेल,राखी बघेल,नीलू बघेल,मुश्कान सनोडिया,निशा चौधरी,सोनम चौधरी,शीतल डेहरिया शामिल थी।
हर साल 20 से 25 बच्चे जाते हैं

स्टेट लेवल पर मलखम

सिवनी मुख्यालय से तकरीबन आठ-दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित जैतपुर कला के सरकारी स्कूल में जब से शिक्षक प्रभात नारायण श्रीवास पदस्थ हुए हैं तब से मलखम खेल का उदय हुआ है। वे हर साल छठवी में आने वाले छात्र-छात्राओं का चयन करके उन्हें मलखम की ट्रेनिंग देते हैं। शिक्षक श्रीवास बताते हैं कि लड़के पोल मलखम और लड़कियों को रोप मलखम सीखाते हैं। हर साल 20 से 25 मलखम सीखे हुए छात्र-छात्राऐं स्टेट लेवल पर खेलते हैं। कई बार उनके स्कूल के बच्चे स्टेट लेवल पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अवार्ड भी जीत चुके हैं। प्रतियोगिताऐं खत्म होने के बाद अब मलखम की ट्रेनिंग बंद करके पढ़ाई कराई जाएगी।

क्रेसमेट गद्दा न होने से नेशनल नहीं जा पाते बच्चे

जैतपुर के शिक्षक श्रीवास बताते हैं कि मीनी वर्ग में 14 वर्ष की आयु से कम और जूनियर वर्ग में जूनियर से 17 वर्ष से कम एवं सीनियर वर्ग में 19 से कम आयु के बच्चे शामिल किए जाते हैं। नेशनल प्रतियोगिता में सिर्फ सीनियर की टीम जाती है लेकिन हमारे यहां पर क्रेसमेट गददा जो कि मंहगा आता है उपलब्ध न होने के कारण हम डेंजरर्स एक्सरसाइज नहीं करा पाते हैं जिसकी वजह से हमारे यहां के बच्चे नेशनल खेलने नहीं जा पाते हैं। अगर हमे इस तरह की सुविधाऐं मिल जांऐ तो शायद बच्चे नेशनल प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।




Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.