100 बिस्तरों का अस्पताल घटिया व गुणवत्ताविहिन
निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल
100 बिस्तारों वाला बन रहा अस्पताल को लेकर क्षेत्रीय नागरिकों व ग्रामीणजनों का कहना है कि अस्पताल भवन का निर्माण कार्य जिस तरह अनदेखी के साये में चल रहा है और गुणवत्तापूर्वक निर्माण कराने की जिम्मेदारी और जवाबदारी रखने वाले तकनीकि विभाग की उपयंत्री सविता कर्तिकेय जी के पास भी समय नहीं रहने के चलते ठेकेदार मनमर्जी से निर्माण कार्य करवा रहा है । निर्माण कार्य में घटिया गुणवत्ताविहिन सीमेंट और ईट का प्रयोग किया गया है। यह जांच ईमानदारी से की गई जांच के स्वयं सामने आ सकता है ।
नैनपुर। गोंडवाना समय। सरकार के द्वारा जनकल्याण व जनस्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुये लगभग 11 करोड़ की लागत से अस्पताल के निर्माण हेतु स्वीकृत किया था परंतु जिस तरह से अस्पताल भवन का निर्माण किया जा रहा है वह घटिया व गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य किया जा रहा है और अस्पताल के साथ-साथ शासन की मंशा व उद्देश्य पर पानी फेरने का काम त्रिशूल कन्ट्रक्शन कपंनी के द्वारा किया जा रहा है । जबकि क्षेत्रवासियों की स्वास्थ्य सुविधा के लिये के लिये यह महत्वपूर्ण उपलब्धी है क्योंकि वैसे भी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये क्षेत्रीय ग्रामीणजन मोहताज रहते है और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमियों को लेकर पहले जबाब देने से बचते नजर आते थे लेकिन आज जब उनकी आंखों के सामने अस्पताल भवन का काम घटिया स्तर का हो रहा है इसकी शिकवा शिकायत भी उन्हें मिल रही है लेकिन इसके बाद भी ठेकेदार के द्वारा करवाये जा रहे घटिया व गुणवत्ताविहिन निर्माण कार्य के मामले में किसी कार्यवाही करने की बजाय वह कंटक्शन कंपनी को ही बचाते हुये नजर आ रहे है। नैनपुर क्षेत्र के विकास और बेतहर चिकित्सा सुविधा के लियें शासन नें 11 करोड़ की लागत से नैनपुर के वार्ड न0 14 में 100 बिस्तरों का अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। अस्पताल का निर्माण कार्य जिस तरह से निर्माण एजेंसी के द्वारा किया जा रहा है देखकर ऐसा लगता है कि विभागीय आधिकारीयो नें भी ठेकेदार कों खुली छूट दे रखी है। जिसके कारण करोड़ों की लागत का अस्पताल अपनी कहानी स्वयं बयां कर रहा है जबकि ठेकेदार निर्माण एजेंसी घटिया काम करके चला जायेगा परेशानी तो स्वास्थ्य लाभ लेने आने वाले मरीजों व उनके परिजनों झेलना पड़ेगा। जिस ढंग से निर्माण कार्य करवाया जा रहा है देखकर ऐसा लगता है कि 11 करोड़ रूपये विकास व निर्माण कार्य के नाम पर बर्बाद जानबूझकर किया जा रहा है । जबकि वर्तमान में ही वही सरल और सहज ईलाज के लिये क्षेत्र की जनता सुविधा के लिये तरस रही है।तय सीमा से नही बना अस्पताल:-
हॉस्पिटल के निर्माण में विभाग कें द्वारा भारी लापरवाही की गई हैं जिसकें चलतें त्रिषूल कन्ट्रषन कपंनी के ठेकेदार नें मनमानें ढगं से निर्माण किया है। तय सीमा से आधिक होने पर भी विभाग्ठेकेदार के विरुध्द कोई कायार्वाही नही कर रहा है। जिसकें क्षेत्र की जनता कों स्वास्थ लाभ लेने के लिये नागपुर और जबलपुर जाना पड़ता है।इनका कहना है
मेरे द्वारा समय पर निर्माण कार्य की प्रगति पर नजर रखी जा रही है। मगर ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहा है। जिसमें जॉच का कायार्वाही की जायेगी
सविता कर्तिकेय, उपयंत्री स्वास्थ्य विभाग,मंडला