कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता:डॉ.संजय इवने
एमसीआई में पूर्व नीट चयनित छात्र संजय इवने ने दिया नीट में चयनित होने के टिप्स
बैतुल । गोंडवाना समय। जिले की माटी में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही अल्प समय मे एक ऐतिहासिक एवं अविश्वसनीय क्रांति पैदा करने वाले मेडिटेक कैरियर इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉ. राजा धुर्वे (एमबीबीएस ) जो बहुत ही कुशल नेतृव एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी है जो हमारे जिले के बच्चों के भविष्य निर्माण के अच्छे मार्गदर्शक है जिन्होंने अल्प समय मे मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में शानदार परिणाम देकर एक अलग ही पहचान बनाया है आज एमसीआई संस्थान से बच्चें चयनित होकर उन्ही के पदचिन्हों पर चलकर वो भी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सतत प्रयास कर रहे है ,आज मेडिटेक कैरियर इंस्टिट्यूट में पूर्व नीत चयनित संजय इवने जो वर्तमान में शासकीय गजरा राजा मेडीकल कॉलेज ग्वालियर में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र है जिन्होंने ने एमसीआई में वर्तमान में नीट की तैयारी कर रहे बच्चों को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि रुचि, योग्यता, प्रवीणता, परिश्रमङ्घये कुछ ऐसे शब्द हैं, जो किसी की सफलता की राह निर्धारित करते हैं, हालांकि इन शब्दों का अलग-अलग भी काफी महत्व है, पर जब ये एक साथ मिल जाते हैं, तो व्यक्ति की सफलता सुनिश्चित होती है,मन लगाकर किया गया कोई भी काम व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाता है, जबकि बेमन और अरुचि से किया गया काम नकारात्मक परिणाम देता है,आप थोड़ी देर के लिए जरा अपने अतीत में झांकिए,ऐसे दो कार्यों को याद कीजिए, जिनमें से एक को आपने अपनी रुचि से किया हो और दूसरी को अरुचि से,परिणाम को याद कीजिए। आप पाएंगे कि रुचि के काम में आपको ज्यादा सफलता मिली,किसी काम में दिलचस्पी आपको वह ऊर्जा देती है, जिससे राह की तमाम मुश्किलें भी आसान हो जाती हैं,रुचि के बाद सफलता के लिए जरूरी आधार है योग्यता,अपनी योग्यता और अपनी क्षमता को बढ़ाने की कोशिश कीजिए। इसके लिए प्लानिंग कीजिए और संबंधित फील्ड में अपनी जानकारी दुरुस्त रखिए। योग्यता होने पर ही आप खुद को अव्वल बना सकते हैं,प्रतियोगिता के इस जमाने में सफलता इतनी आसान नहीं है।इसके लिए आपको प्रवीण बनना होगा, यानी आप खुद को इतना कुशल बनाएं कि बाकी लोगों से आगे निकल जाएं। यही प्रवीणता है। अपनी योग्यता में निखार लाकर आप खुद को प्रवीण बना सकते हैं,प्रत्येक व्यक्ति में कुछ-न-कुछ ऐसे गुण जरूर होते हैं, जो उसे खास और दूसरों से अलग बनाते हैं। पर जब लापरवाही के कारण आपको अपनी खासियत पर नजर नहीं जाती, तो वह गुण उभर कर सामने नहीं आ पाते। इसलिए अपनी रुचि को पहचानें और अपनी योग्यता को विकसित करें। फिर दुनिया की कोई भी ताकत आपको सफल होने से नहीं रोक सकती,नि:संदेह मेहनत ही सफलता का मूलमंत्र है। रुचि के अनुरूप योग्यता तभी विकसित होगी, जब आप कठिन परिश्रम करेंगे। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपको अपना 100 प्रतिशत देना होगा। इसलिए खुद को पहचानें, अपने गुणों को परखें और फिर सुव्यवस्थित योजना के अनुसार काम करते हुए दुनिया को जीत लें,एमसीआई की समस्त टीम और बच्चों ने संजय इवने को धन्यवाद एवं आभार प्रेषित किया है ।
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