वंशकारों की रोजी-रोटी पर अड़ंगा डाल रहा डिप्टी
ग्रामीणों से लगवाई आपत्ति
सिवनी। गोंडवाना समय।सिवनी शहर के तकरीबन दो सैकड़ा वंशकार परिवारों को उनके परम्परागत व्यवसाय के तहत बांस उपलब्ध कराकर रोजी-रोटी मुहैया कराने एवं उनकी आर्थिक स्थिति को संबल बनाने के लिए जिले में पूर्व कलेक्टर मनोहर दुबे,तत्कालीन डीएफओ,एसडीओ ने वंशकार बांस शिल्प उद्योग सहकारी समिति बनाकर शहर से तकरीबन तीन किलोमीटर दूर वर्ष 2009-10 में बोरदई टेकरी में मनरेगा योजना के तहत 31 लाख रुपए से बांस का पौधारोपण किया गया था। वंशकार समिति में शामिल 20 हितग्राहियों द्वारा पौधारोपण कर उसकी देखरेख की गई थी। बैठक में निर्णय लिया गया था कि एक-एक हितग्राही को एक-एक हेक्टेयर में लगे हुए बांस का फायदा देना था लेकिन बांस की नर्सरी लगे हुए आठ साल हो गए है हितग्राहियों को कोई लाभ नहीं दिया गया है। वंशकार बांस शिल्प उद्योग सहकारी समिति बांस और अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रही है। वन विभाग कार्यालय के चक्कर काटकर परेशान हो रहे हैं। 9 अक्टूबर और 22 अक्टूबर को डीएफओ टीएस सूलिया और वंशकार बांस शिल्प उद्योग समिति व वंशकार विकास परिषद की बैठक हुई जिसमें डीएफओ सूलिया ने नर्सरी पर वंशकार परिवारके नाम जोड़ने एवं उनको अधिकार देने का आश्वासन किया है वहीं उनके अधीनस्थ आने वाले डिप्टी रेंज हरवेन्द्र बघेल द्वारा गांव के कुछ लोगों के साथ मिलकर आपत्ति लगाकर वंशकारों की रोजी-रोटी पर अडंगा डाल रहा है। जिसको लोकर वंशकारों में आक्रोश है और कभी भी डिप्टी रेंजर हरवेन्द्र बघेल पर गुस्सा टूट पड़ सकता है।
दो बार कटाई फिर भी नहीं लाभ
सुखदेव वंशकार ने शिकायत करते हुए बताया कि बोरदई टेकरी में लगाए गए बांसों की दो बार कटाई की जा चुकी है। एक बार वर्ष 2014-15 में और हाल ही में मई 2018 में बांसों की कटाई करके इंदौर के ठेकेदारों को नीलामी में बेच दिया गया जिसका लाभ वंशकार समिति को मिलना चाहिए था लेकिन वन विभाग के अफसरों द्वारा नहीं दिया गया और न ही बांस दिए जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी वंशकार बांस शिल्प उद्योग समिति व वंशकार विकास परिषद के हितों के बांसों को बाहर बेचकर उनके हितों पर डांका डाल रहे हैं जिसमें इस खेल में रेंज अधिकारी और डिप्टी रेंजर शामिल होना बताए जा रहे हैं।