पेंच में बच्चों को पढ़ा रहे सीएम,तीर्थ योजना का भी प्रचार
सरकारी दफ्तरों में जमकर आचार संहिता का उल्लंघन,कार्रवाई शून्य
सिवनी। गोंडवाना समय। डायरेक्टर पेंच नेशनल पार्क के कार्यालय में आचार संहिता लगने के बाद भी प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बच्चों को पढ़ा रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री की तीर्थ योजना का भी प्रचार हो रहा है। मुख्यमंत्री की तस्वीर और योजना दोनों ही मप्र शासन के कलेंडर में दर्ज है जो कि खूलेआम लगे हुए हैं जो कि विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों के आंखों के सामने हर दिन दिखाई दे रहे हैं लेकिन उन्हें हटाने और आदर्श आचार संहिता का पालन करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
सरकारी कर्मचारियों को नहीं पता क्या है आचार संहिता की गाइड लाइन-
पेंच कार्यालय के बड़े बाबू जो कि पेंच कार्यालय में पिछले कई सालों से पदस्थ हैं उनके सामने विधानसभा और लोकसभा के कई चुनाव हो चुके हैं लेकिन उन्हें आदर्श आचार संहिता नहीं मालूम। उन्हें तो इस बार चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के लिए क्या गाइड लाइन जारी की है उन्हें पता तक नहीं है। वे खुद ही यह बात कहते हुए नजर आ रहे हैं। इसी तरह सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण के वीरेश सिंह बघेल के कार्यालय के सामने भी योजना का प्रचार-प्रसार हो रहा है जबकि शहर के कई सरकारी कार्यालय में लोगों सरकारी योजनाओं में प्रधानमंत्री लिखा हुआ शब्द तक मिटा दिया गया है ऐसे में फिर क्यों जिला पंचायत कार्यालय के सामने बने काम्पलेक्स में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पेंशन और विधवा योजना का प्रचार-प्रसार हो रहा है। यह सवाल खड़ा हो रहा है। वहीं वीरेश बघेल साफ कह रहे थे कि उन्हें नहीं पता है कि आदर्श आचार संहिता क्या है और उसकी गाइड लाइन क्या है। इसी तरह पेंच कार्यालय में एक कमरें में एक कलैंडर ऐसा लगा हुआ है जिसमें मुख्यमंत्री की तस्वीर साफ नजर आ रही है जो कि छात्राओं को पढ़ाते हुए उनके बीच में बैठे हुए साफ नजर आ रहे हैं। हम बता दें कि छह अक्टूबर से चुनाव आयोग ने बिगुल बजाते हुए आदर्श आचार संहिता लागू कर दी है। आदर्श आचार संहिता लागू होते ही जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर गोपाल चंद्र डाड ने सख्ती से आदर्श आचार संहिता का पालन करने के लिए निर्देशित कर दिया था लेकिन ऐसा लगता है कि सरकारी विभागों में आदर्श आचार संहिता के पालन को लेकर अधिकारी-कर्मचारी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं।