प्रत्याशियों के लिए भाजपा में रायशुमारी,खतरे में दावेदारी
बंद लिफाफे में रहेंगे प्रत्याशियों के नाम
रायशुमारी के माध्यम से जिले की चारों विधानसभाओं के प्रत्याशी खंगाले जाएंगे। 17 अक्टूबर को भाजपा कार्यालय में रायशुमारी होगी। सासंद-विधायक से लेकर भाजपा के निचले स्तर के पदाधिकारी तक राय शुमारी में शामिल होकर प्रत्याशियों के तीन-तीन नाम की पैनल बंद लिफाफे में देंगे। जिसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेता राय शुमारी के बाद टिकिट देने का निर्णय लेंगे। टिकिट के जुगाड़ में वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं से लेकर निचले पायदान का कार्यकर्ता भी अपने नाम की पैनल तैयार करने के लिए जुगाड़ में लगे रहे। रायशुमारी के लिए सत्येन्द्र भूषण सिंह प्रदेश कार्यपालन मंत्री द्वारा 12 अक्टूबर को पत्र जारी किया है।
सिवनी।गोंडवाना समय। प्रदेश के तीसरी बार भाजपा की सरकार बनाने के लिए टिकिट को लेकर कार्यकर्ताओं में विद्रोह न हो और एकजुटता बनी रहे इसलिए राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के वरिष्ठ भाजपा नेताओं द्वारा सिवनी जिले की चारों विधानसभा सीटों से योग्य और कार्यकर्ताओं की पसंद का प्रत्याशी की तलाश करने के लिए 17 अक्टूबर को भाजपा कार्यालय में राय शुमारी की जाएगी। गोपनीयता बनाए जाने के लिए बंद लिफाफे में अपनी-अपनी राय देंगे। अगर मूल भाजपाई और स्थानीय प्रत्याशी को लेकर प्रत्याशियों के नाम की रायशुमारी हुई तो फिर दिनेश राय मुनमुन और भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश पॉल की दावेदारी खतरे में पड़ सकती है। वहीं कमल मर्सकोले का नाम राय शुमारी की पैनल में चल भी गया तो भाजपा की गाइड लाइन के अनुसार पांच हजार से कम वोटों से जीतने के कारण उन्हें इस बार टिकिट नहीं भी दी जा सकती है। राजनैतिक सूत्र बताते हैं कि सिवनी विधानसभा से कार्यकर्ताओं की पैनल पूर्व मंत्री रहे चुके डॉक्टर ढालसिंह बिसेन का नाम दे सकती है। राजनैतिक सूत्रों की मानें तो रायशुमारी में विनोद मिश्रा जबलपुर के पूर्व अध्यक्ष भाजपा एवं रीवा सासंद जनार्दन मिश्रा शामिल होंगे जो रायशुमारी के बंद लिफाफो को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पास लेकर जाएंगे।
ये करेंगे प्र्रत्याशी के लिए रायशुमारी-
राजनैतिक सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय पदाधिकारी,सासंद एवं पूर्व सासंद,जिला अध्यक्ष एवं पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा, विधायक एवं पूर्व विधायक, प्रदेश पदाधिकारी एवं प्रदेश कार्य समिति सदस्य,जिला पदाधिकारी,मण्डल अध्यक्ष एवं महामंत्री,जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष,जनपद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष,नगर निगम महापौर एवं अध्यक्ष नगरपालिका एवं नगर परिषद अध्यक्ष,जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष,निगम,मण्डल,प्राधिकरण बोर्ड के अध्यक्ष उपाध्यक्ष,मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं प्रदेश पदाधिकारी,प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक एवं सह संयोजक, पूर्ण मण्डल अध्यक्ष पिछले दो कार्यकाल के एवं मोर्चा के जिला अध्यक्ष देंगे बंद लिफाफे में अपनी राय देंगे।
हाईकमान से हरी झंडी लेकिन जमीन पर विरोध
राजनैतिक सूत्र बताते हैं कि अपना कैरियर दांव में लगाकर भाजपा में शामिल हुए निर्दलीय विधायक दिनेश राय मुनमुन को भाजपा के हाईकमान द्वारा विधानसभा की टिकिट दिए जाने की हरी झंडी दे दी गई है जिसके चलते वे गांव-गांव में जाकर लोगों से मिलकर अपने नेटवर्क बनाए हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ जमीन पर उनका विरोध किया जा रहा है। सिवनी विधानसभा के भाजपा कार्यकर्ता व पदाधिकारी अपने राजनैतिक कैरियर को खत्म होता देख विरोध कर रहे हैं। ऐसे में उनके खिलाफ राय शुमारी हो सकती है। ऐसे में राजनैतिक सूत्र बताते हैं कि दिनेश राय मुनमुन को हाईकमान आखिरी दौर पर केवलारी विधानसभा की टिकिट सौंप सकते हैं। राजनैतिक सूत्र यह भी बताते हैं कि निर्दलीय विधायक खुद तो भाजपा में शामिल हो गए लेकिन उनके कार्यकर्ताओं को अभी तक भाजपा में शामिल नहीं करवाया है। जो उनके लिए परेशानी हो सकती है।
खतरे में कमल की भी दावेदारी-
सूत्र बताते हैं किक बरघाट विधानसभा के भाजपा विधायक कमल मर्सकोले के खिलाफ भी अधिकांश पदाधिकारी राय शुमारी करेंगे। जिससे उनकी दावेदारी खतरे में पड़ सकती है। इसके अलावा भाजपा के हाईकमान यानि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की तय की गई गाइड लाइन पांच हजार से कम वोटों से जीतने वाले प्रत्याशी को टिकिट नहीं दी जाएगी यह बात लागू हुई तो निश्चितौर पर कमल मर्सकोले प्रत्याशी की दौड़ से बाहर कर दिए जाएंगे। इस बार मण्डला सासंद फग्गन सिंह कुलस्ते भी उनकी टिकिट को नहीं बचा पाएंगे क्योंकि राजनैतिक सूत्रों की मानें तो खुद फग्गन सिंह कुलस्ते अपनी राजनैतिक जमीन बचाने के लिए परेशान हैं और सासंद की टिकिट छोड़कर विधानसभा चुनाव की टिकिट के लिए जुगाड़ कर रहे हैं।
राकेश के लिए रोड़ा बनेगा स्थानीय मुद्दा-
कांग्रेस से तकरीबन चार साल पहले भाजपा में शामिल होकर भाजपा के जिला अध्यक्ष बने राकेश पाल द्वारा केवलारी विधानसभा के लिए की जा रही दावेदारी के चलते केवलारी के भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने मूल भाजपाई और स्थानीय प्रत्याशी को टिकिट देने का मुद्दा छेड़ा है और संगठन में अध्यक्ष बनने के बाद वे केवल केवलारी विधानसभा में ही अपनी दावेदारी को मजबूत मानकर संगठन को बढ़ावा दे रहे हैं। जिससे सिवनी,बरघाट और लखनादौन में संगठन कमजोर पड़ रहा है और कार्यकर्ताओं में आपसी फूट पड़ रही है।