सरकार के समर्थन से ज्यादा किसानों का बीज मंहगा
लमसा और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा से किसानों को प्रदर्शन के लिए मिलेगा अनुदान पर बीज
सिवनी। गोंडवाना समय। अन्नदाता किसानों द्वारा कड़ी मेहनत का अनाज उत्पादन किया जा रहा है लेकिन उनकों उनकी उपज का सही समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है। वहीं हर साल जितनी समर्थन मूल्य पर सरकार राशि बढ़ा रही है उससे ज्यादा बीज के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। निजी क्षेत्रों में तो किसानों से मंहगा बीज देकर लूट-खसोट की जा रही है। वहीं किसानों को सरकारी बीज भी मंहगा मिल रहा है चाहे व प्रदर्शन और अनुदान में ही क्यों न मिल रहा हो। हाल ही में रबी सीजन के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना एवं लमसा योजना के तहत किसानों के खेतों में प्रदर्शन के लिए जो बीज शासन स्तर से भेजा गया है उसमें पिछले साल की तुलना में कीमत में वृद्धि देखी जा रही है।
चना का बीज 6300 रुपए प्रति क्विंटल
समर्थन मूल्य पर चना बेचने पर शासन द्वारा किसानों को 4400 रुपए प्रति क्विंटल का दाम दिया गया लेकिन जब किसानों को बीज दिया जा रहा है तो वह 6300 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर दिया जा रहा है। यानी किसानों से चने के बीज में प्रति क्विंटल की दर पर 1900 रुपए ज्यादा लिए जा रहे हैं। जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत जेजी 63 कम्पनी का 93 क्विंटल 90 किलोग्राम और 9 जी 14 क्सिम का 95क्विंटल 90 किलोग्राम चना आया है। यह चना किसानों को प्रदर्शन के रूप में प्रति हेक्टेयर में 75 किलोग्राम दिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों की मानें तो यह चना शतप्रतिशत अनुदान पर किसानों को मिलेगा लेकिन किसानों को पहले 6300 रुपए बीज की नकद राशि किसानों को देनी पड़ेगी इसके बाद विभाग अनुदान की राशि किसानों के खाते में दी जाएगी। पिछले साल यह चना किसानों को 7400 रुपए प्रति क्विंटल में दिया गया था।
लमसा से गेहूं,राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा से चना,मसूर,मटर-
किसानों को लमसा योजना के तहत 3550 रुपए की दर पर एचआई 8736 किस्म की गेहूं प्रदर्शन के लिए दी जा रही है। जिले में तकरीबन 15 क्विंटल 20 किलोग्राम गेहूं शासन से आई है। गेंहू का यह बीज किसानों को बेची गई गेंहू के समर्थन मूल्य 2000 रुपए से 1550 रुपए ज्यादा है। पिछले साल की तुलना में इस साल गेहंू का यह बीज 500 रुपए ज्यादा है। 6400 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत किसानों को 30 किलोग्राम आरवीएल किस्म की 30 किलोग्राम मसूर प्रदर्शन के लिए दिया जाएगा। 20 क्विंटल मसूर शासन द्वारा जिले में भेजी गई है। इसमें भी किसानों को पहले नकद राशि देनी पड़ेगी इसके बाद अनुदान उनके खाते में आएगा। हालांकि शासन द्वारा कितना अनुदान दिया जाएगा उसे डिसाइड नहीं किया गया है। जानकारी के मुताबिक मसूर के इस बीज की कीमत पिछले साल 6000 रुपए थी जो 400 रुपए बढ़कर 6400 रुपए हो गई। मटर का बीज भी किसान कल्याण विभाग के पास आ गया है। 20 क्विंटल आईपीएफ 4-9 किस्म का मटर बीज प्रदर्शन के लिए प्रति हेक्टेयर में 75 किलोग्राम दिया जाएगा। यह बीज किसानों को 7000 रुपए की दर पर दिया जाएगा। मटर बीज की राशि भी किसानों को नकद देनी पड़ेगी। वहीं अनुदान की राशि किसान के खाते में जाएगी। जानकारी के मुताबिक पिछले साल मटर के बीज के भाव 4000 रुपए प्रति क्विंटल था लेकिन इस बार 3000 रुपए ज्यादा है। बीज के बढ़े हुए भाव ही बता रहे हैं कि किस प्रकार किसानों से लूट-खसोट की जा रही है।
बीज के रख-रखाव में लापरवाही-
किसान कल्याण विभाग के जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी शासन से आ रहे बीज के रख-रखाव में लापरवाही बरत रहे हैं। गोदाम में जो चना-मसूर,मटर रखा गया है उसे चूहे अपना निवाला बना रहे हैं। गोदाम में रखे हुए बीज में फर्स पर पड़े हुए छिलके खुद ही बंया कर रहे हैं। ऐसे में बीज की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं।