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मल्टीनेशनल कंपनी नहीं, देश के आदिवासी मिलकर चलायेंगे सरकार

मल्टीनेशनल कंपनी नहीं, देश के आदिवासी मिलकर चलायेंगे सरकार 






दिल्ली। गोंडवाना समय। 
दिल्ली मेें आयोजित एकजुटता गठबंधन को लेकर हुये सम्मेलन में 9 राज्यों के लोग पहुंचे । जहां गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष दादा हीरा सिंह मरकाम ने कहा कि राजनैतिक सिद्धांत है औरा सभी समस्याओं के समाधान के साथ देश के विकास की कूंजी भी राजनैतिक सत्ता के पास ही है जिसे हम आदिवासी अपने हाथ में लेना चाहते है। हम सभी देश भर के सभी जनजातियों के अस्तिव को बचाने का प्रयास कर रहे है । देश में जहां जहां आदिवासी है वहां पर आदिवासी के पैर के नीचे पारस, सोना, लोहा व सभी प्रकार की खनिज संपदा है जिसे सरकार के द्वारा अदूरदर्शितापूर्ण नीति नियम बनाकर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिये वहां पर बांध, कारखाना, उद्योग धंधों को खोला गया है लेकिन वहां पर रहने वाले आदिवासियों के अस्सित्व व संस्कृति पर खतरा पैदा उन्हें समाप्त करने का षडयंत्र सरकार ने किया है। अब देश के आदिवासियों को पूर्व से पश्चिम तक हमे एकजुटता के साथ गठबंधन करते हुये देश के आदिवासी जनजातियों के हक, अधिकार, संवैधानिक अधिकारों को लेने के लिये एक मंच पर आने की आवश्यकता है यह भले ही 9 राज्यों के आदिवासियों के साथ हुआ हो आगे पूरे देश में हमें इसका फैलाकर एक मंच पर सभी को लाना ही होगा तभी हम जनजातियों के लिये संवैधानिक अधिकार पांचवी अनुसूची, छटवी अनुसूची का अधिकार, पेशा कानून, वन अधिकार अधिनियम, ग्राम सभा सहित अन्य कानून तो संविधान में आदिवासियों के बनाये गये है परंतु उनका क्रियान्वयन कोई सरकार नहीं कर रही है । आदिवासी पहले से भी ज्यादा कंगाल होते जा रहे है । दादा हीरा सिंह मरकाम जी ने कहा कि मैंने आदिवासियों की राजनीति किया हूं बीते 13 जनवरी 1991 से शुरूआत किया जो आज पूरे भारत में पहुंच रही है । सरकार कई राज्यों में आदिवासियों को सरकार मानने को तैयार नहीं है । आदिवाासियों की मदद न सरकार कर रही है और कानून साथ दे रहा है । आजादी के पहले राजा महाराजा होते थे, किसी की अस्मिता नहीं लूटी जाती थी, चोरी नहीं होती थी । आदिवासियों की सत्ता आयेगी तो सत्ता में बैठने के बाद राजा जैसे होता है प्रजा भी वैसे ही होगी । दिल्ली की सरकार के पास एक डबली खेत भी नहीं है फिर भी किसान की झूठा हितेषी होने का दंभ भर रही है। देश में जनजातियों की सरकार बनाने के प्रमुख उद्देश्य यह है कि हमें सबसे पहले खेत स्मार्ट बनाना होगा और जब किसान स्मार्ट होगा तो गांव भी स्मार्ट बनेगा और हमें गांव के अंतिम छोर के व्यक्ति की चिंता करना होगा । जो भाजपा चुनाव जीतने के पहले कहती थी कि भाजपा के कहना साफ हर किसानों का कर्जा माफ लेकिन यही भाजपा की सरकार पूंजीपतियों के एक लाख पच्चीस करोड़ माफ करती है परंतु किसानों का एक रूपये माफ नहीं कर पा रही है । 




आयोजित कार्यक्रम में श्याम सिंह मरकाम ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के दिन संविधान को जलाया गया है लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है वहीं पांचवी अनुसूची संविधान में मिले अधिकारों को लेकर जब आदिवासी अपनी बात रख रखा है जैसे कि झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में पत्थलगढ़ी की गई तो उन्हें देशद्रोह बनाने का काम सरकार कर रही है यह कैसा कानून और कैसी सरकार है जो आदिवासियों को हक अधिकार नहीं देना चाहती है अब हम सब आदिवासी मिलकर देश के सभी राजनीतिक दल भी जो आदिवासियों के लिये काम कर रहे है वे सब की सब एक मंच पर आयेंगे ।





 इसी अवसर पर कहा कि विधायक महेश भाई छोटू वसावा जो कि गुजरात से है उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से अभी तक पांचवी व छटवी अनुसूची लागू नहीं किया गया है लेकिन अब हम एकजुटता के साथ में हमारा संविधान लागू करके रहेंगे । इस अवसर पर अरविंद गोंड उत्तर प्रदेश ने कहा कि आदिवासियों पर अत्याचार को लेकर पूरे देश का आदिवासी प्रताड़ित है, दु:खी है इसलिये हम आदिवासी अब अपनी सत्ता लायेंगे । दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे दरबू सिंह उईके ने कहा कि सरकार आदिवासी को जबरन नक्सली बनाकर ऐसी स्थिति व गतिविधि पैदा करते हुये जानबूझकर आदिवासियों को खत्म करना चाहती है । सरकार खनिज संपदा का विदोहन कर रही है । हम लोग कांग्रेस भाजपा के खिलाफ तगड़ी व धरातल पर पहुंचकर सत्ता से बेदखल करने की बहुत बड़े स्तर पर रणनीति बना रहे है । अब इन्हें सत्ता से बेदखल करेंगे पूरे देश में इसका संदेश देंगे, कांग्रेस को समाप्त हमने किया है तीन चार राज्यों में सिमट कर रह गई है । आने वाले समय में अब हम भाजपा को हराने के मिशन पर काम करेंगे । किसान मजूदर भी भाजपा के जनविरोधी रीति नीति को समझ चुका है । गुजरात से ही सात बार विधायक रहे छोटू भाई वसावा जो कि भारतीय ट्राईबल पार्टी से विधायक 7 बार बने हुये है उनका कहना है कि हमारा देश आजाद हुआ है तब से आदिवासियों को आजादी नहीं मिली है । आदिवासियों का भला न कांग्रेस किया है और न ही भाजपा ने आदिवासी को हक, अधिकार नहीं दिया है । सिर्फ आदिवासियों का वोट लिया है बदले में आदिवासियों को विनाश दिया है । देश में आज सरकार को मल्टीनेशनल कंपनी चला रही है अर्थात पूंजीपति व उद्योगपति देश की सरकार को चला रहे है न कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की सरकार को चला रहे है ।


देश में समानता, निष्पक्षता, विकास की राजनीति को सिर्फ आदिवासी ही बचा सकता 

जनजाति के राजनैतिक भविष्य के लिये नेशनल ट्रायबल पार्टी एलाईंस का हुआ गठन







देश के विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनावों में एक दूसरे को सहयोग और समर्थन देने की वचनबद्धता दोहराई तथा 2019 के आम चुनाव में आरक्षित 47 संसदीय क्षेत्र सहित जिन अनारक्षित संसदीय क्षेत्रों में आदिवासियों की बहुलता है ऐसे क्षेत्रों में भी अपने उम्मीदवारों को जिताकर आदिवासी राजनीति को केंद्रीय सत्ता का बेलेंसिग पावर बनाये जाने का आव्हान किया। इस तरह राज्यों में आदिवासी विचारधारा के संस्कृति संस्कारों वाले मुख्यमंत्री एवं केंद्र में आदिवासी प्रधानमंत्री के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। अब देश को इस धरती को आदिवासी ही बचा सकता है। इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ शोसल साइंस हाल,लोदी रोड एजूकेशनल एरिया नई दिल्ली नेशनल ट्राइबल पार्टी अलाएंस पर राष्ट्रीय चर्चा कार्यक्रम नई दिल्ली में भाग लेने पहुंचे जनजाति के उत्थान विकास को लेकर रखी बात में यह निचोड़ निकलकर आया कि आज देश को गर्त में जाने से बचाने का एक मात्र रास्ता है, इस देश में मूल विचारधारा की व्यवस्था कायम करना । यह व्यवस्था लोकतंत्र में मताधिकार ,नेतृत्वकर्ता और दलों पर निर्भर है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए देश के संस्कारवान नेतृत्वकर्ता और उनके नेतृत्व में गठित जनजातीय नेतृत्व वाले राजनीतिक दलों का राष्ट्रीय स्तर पर महामोर्चा बनाये जाने का प्रयास किया जा रहा है। यह महामोर्चा जनजातियों की राष्ट्रीस्तरीय समस्याओं, मुद्दों जैसे धर्म कालम, भाषा, संस्कृति के अस्तित्व, विस्थापन पलायन, नक्सलवाद,जल जंगल जमीन, शिक्षा, कुपोषण आदि महत्त्वपूर्ण मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उभारकर उसका निदान करेंगी। गोंडवाना भूभाग के आदिवासी नेतृत्व वाले प्रमुख दल जीजीपी, बीटीपी,अभागोंपा एवं झारखंड पार्टी सहित इन पार्टियों के संस्थापक/अध्यक्ष एवं प्रमुख पदाधिकारियों जिसमें प्रमुख रूप से छोट भाई वसावा (विधायक) गुजरात, दादा हीरा सिंह मरकाम जी पूर्व विधायक छग, देव कुमार धान पूर्व मंत्री झारखंड, एवं महेश भाई वसावा विधायक गुजरात , दरबू सिंह उईके पूर्व विधायक म प्र एवं गुलजार सिंह मरकाम संयोजक गोंगपा की प्रमुख उपस्थिती में दिल्ली स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ शोसल साइंस हाल, लोदी रोड नई दिल्ली में 14 अक्टूबर को विधिवत नेशनल ट्रायबल पार्टी एलाईंस की नींव रख दी गई। सभी वक्ताओं ने इस पहल को भारतीय राजनीति में राष्टÑीय स्तर पर आदिवासी नेतृत्व उभारने के लिए अहम फैसला बताया। इसमेें शामिल के सभी दलों के प्रमुखों ने देश के विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनावों में एक दूसरे को सहयोग और समर्थन देने की वचनबद्धता दोहराई तथा 2019 के आम चुनाव में आरक्षित 47 संसदीय क्षेत्र सहित जिन अनारक्षित संसदीय क्षेत्रों में आदिवासियों की बहुलता है ऐसे क्षेत्रों में भी अपने उम्मीदवारों को जिताकर आदिवासी राजनीति को केंद्रीय सत्ता का बेलेंसिग पावर बनाये जाने का आव्हान किया। इस तरह राज्यों में आदिवासी विचारधारा के संस्कृति संस्कारों वाले मुख्यमंत्री एवं केंद्र में आदिवासी प्रधानमंत्री के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। अब देश को इस धरती को आदिवासी ही बचा सकता है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी में ये हुये शामिल





नई दिल्ली में 14 अक्टूबर को विधिवत नेशनल ट्रायबल पार्टी एलाईंस में अध्यक्ष छोट भाई वसावा (विधायक) गुजरात, उपाध्यक्ष दादा हीरा सिंह मरकाम पूर्व विधायक छग, उपाध्यक्ष देव कुमार धान पूर्व मंत्री झारखंड, महासचिव महेश भाई वसावा विधायक गुजरात, महासचिव-गुलजार सिंह मरकाम, मध्यप्रदेश
कोषाध्यक्ष परेश भाई वसावा गुजरात को बनाया गया है एवं कार्यकारिणी सदस्यगण के रूप में दरबू सिंह उईके पूर्व विधायक मप्र, श्रीमती मंगला ताई महाराष्ट्र,
शैलेश वालेकर गुजरात,बहोर सिंह रावटे छग, वेला राम घोघरा राजस्थान को बनाया गया है ।


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