राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र बैगा जनजातियों ने वन विभाग पर लगाया बेदखली का आरोप
तितराही ग्राम में किसी हितग्राही को नहीं मिला है वनभूमि का पटटा
जानकारी के अनुसार तितराही ग्राम में किसी भी काबिज वनभूमि हितग्राही को वनभूमि का पटटा प्रदाय नहीं किया गया है, और न ही सामुदायिक वनाधिकार का पटटा दिया गया है। बल्कि वन विभाग द्वारा पीढ़ियों से खेती करते आ रहै उन 35 परिवारों पर बेदखली की कार्यवाही की जा रही है।डिण्डौरी। गोंडवाना समय।
समनापुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत तितराही के ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पंहुचकर कलेक्टर कार्यालय ंएव कोतवाली डिण्डौरी पंहुचकर लिखित शिकायत की है कि 35 बैगा परिवार के लोग 50 वर्ष पूर्व से वनभूमि पर काबिज हो खेती करते आ रहै है उनके द्वारा वनाधिकार अधिनियम के तहत सभी परिवारों ने अपने दावा प्रपत्र नियमानुसार जमा भी किए है लेकिन आज तक भू अधिकार पत्रक प्राप्त नहीं हुए है।
वन विभाग बैगा आदिवासियों के द्वारा लगाई गई फसल को नष्ट कर अपने कब्जे मे लेने की तैयारी कर रहा है एंव फेंसिग कार्य की तैयारी की जा रही है। पीड़ितों ने बताया कि उनके पास काबिज वनभूमि के अलावा परिवार के भरण पोषण का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। अनुसूचित जनजाति विभाग एंव वन विभाग को संयुक्त बैठक कर इस समस्या का निदान करना चाहिए लेकिन जिला डिण्डौरी में इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। वनाधिकार अधिनियम के तहत इस अधिनियम के क्रियान्यवयन का पूरा दारोमदार अनुसूचित जनजाति विभाग के पास है, वन विभाग को हस्तक्षेप का अधिकार नही है।