जनजातियों पर कार्यवाही करना मंगल सिंह धुर्वे को पड़ सकता है महंगा
Gondwana SamayWednesday, October 24, 2018
0
जनजातियों पर कार्यवाही करना मंगल सिंह धुर्वे को पड़ सकता है महंगा
चुनावी समर में आते ही घंसौर क्षेत्र में हो रहा व्यापक विरोध
दीपक कुड़ोपा संवाददाता घंसौर। गोंडवाना समय। विगत कुछ दिनों पहले पांचवी अनुसूचित क्षेत्र जैसी मांगों को लेकर आदिवासी बाहुल्य विकासखंड घंसौर में चल रहा था यह सिलसिला जिसमें आदिवासी समुदाय के मौलिक जानकारी देने जागरूक अभियान चला रहे थे । आदिवासियों के शुभचिंतको के द्वारा गांव गांव संविधान का पाठ के जरिए पत्थरगड़ी एवं ग्राम सभा मैं नीति अधिकारों को बताया जा रहा था तब ही एक ऐसा मामला आया था जोकि विकासखंड घंसौर के अंतर्गत आने वाले कुछ ग्रामो पनारझिर, रूपदोन काछी बुधवारा , जम्होडी खुर्द जोकि थाना घंसौर के अंतर्गत आते हैं जिसमें नगर निरीक्षक के पद पर मंगल सिंह धुर्वे थे तो उन्होंने आदिवासियों एवं ग्राम सभा के बिना सहमति के पत्थर गढ़ी को मिटाने वाले की मुख्य भूमिका इन्ही की रही, जो आज भी विकासखंड घंसौर में एक चर्चा का विषय बन गया है जो अब भाजपा से विधानसभा लखनादौन चुनावी मैदान में उतरने का दावेदारी रख रहे हैं । वहीं क्षेत्र के आदिवासी समाजिक संगठन चर्चा कह रहे है कि इसका जवाब वही अपने अपने तरीके से जरूर देने की तैयारी कर रहे है । भाजपा के कुछ नेता और मंगल सिंह धुर्वे के लिए सिरदर्द बनते जा रहा है और यदि चुनाव में उन्हें मौका मिल भी गया तो उन्हें अपनी नैया को पार लगाना कठिन होगा । आदिवासी हितैषी कैसे बता पाएंगे वहीं आज भी आदिवासी समाज में ऐसे कई मामले उनके विरोध में सुनने को मिलते हैं जब ये थाना घंसौर में पदस्थ थे तब कभी भी इन्होंने आदिवासियों के दर्द को पुलिस थाना घंसौर में रहते हुए उनको न समझा ना ही उनकी समस्याओं को समझाने का प्रयास किया बल्कि उनके रहते गरीब आदिवासियों का शोषण ही हुआ। वही आज भी आदिवासियों के कुछेक सामाजिक संगठनों में यह चर्चा होती है कि थाना प्रभारी रहने पर बड़े-बड़े नेताओं एवं ठेकेदारों को पूर्ण संरक्षण प्राप्त होता रहा वे अब इनके समर्थक बन इनकी दावेदारी को मजबूत करने में जुट गए हैं। क्षेत्र में जन चर्चा हो रही है कि इन्हीं सफेद पोशाक पहनने वाले के बीच में रहकर अच्छी खासी नोकरी त्याग कर सत्ता सुख भोगने की सोच के चलते यह निर्णय लिया हैं लेकिन अब ये अपने आप को सरकारी नौकरी छोड़ कर समाज का सच्चा हितैषी बता रहे हैं अब तो देखना यह है कि अगर भाजपा से विधानसभा लखनादौन के ये दावेदार होंगे तो मतदाताओं के इस बड़े वर्ग का निर्णय क्या होगा।