आरोपी शकील खान को मासूम बालिका के साथ घिनौना कृत्य करने पर हुई सजा
जघन्य एंव सनसनीखेज प्रकरण में सजा
मासूम पीड़िता के साथ ऐसा घिनौना कृत्य किया जाना समाज में एक बुरे परिणाम की ओर इंगित करता है
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 28 सितंबर 2021 को प्रार्थिया ने रिपोर्ट लेखबद्ध करवायी थी कि उसकी नाबालिग बेटी (पीड़िता) उम्र 05 वर्ष ने रोते हुए आकर उसे बतायी कि आरोपी शकील खान पिता साबूखान उम्र 35 वर्ष निवासी झुग्गी झोपड़ी जिला सिवनी द्वारा उसे घर के सामने खेलते हुए अपने घर बुलाया और 10 रुपए का नोट दिखाकर मुझे गोदी में बैठाकर मोबाईल में गंदी पिक्चरे दिखाने लगा और थोड़ी देर बाद मेरे कपड़े उतारकर गलत काम करने की कोशिश करने लगा। मै तुरंत रिपोर्ट दर्ज करवाने थाने आई हूं।
अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायाधीश (पाक्सो), जिला सिवनी के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया
अपराध की गंभीरता को देखते हुए श्रीमान पुलिस अधीक्षक ने पुलिस थाना प्रभारी को विवचेना का दायित्व सोपते हुए अपराध क्रमांक 27/2021, धारा 376 एबी, 376 (2) (सीएचए) आईपीसी 3, 4, 5 एम, 6 लैगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 पंजीबद्ध किया गया एवं अभियुक्त को दिनांक 28 सितंबर 2021 को गिरफतार किया गया तब से आरोपी जेल मे निरूद्ध है। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायाधीश (पाक्सो), जिला सिवनी के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
श्रीमति दीपा ठाकुर, विशेष लोक अभियोजक सिवनी के द्वारा गवाहो और सबूतो को प्रस्तुत किया गया
शासन की ओर से श्रीमति दीपा ठाकुर, विशेष लोक अभियोजक सिवनी के द्वारा गवाहो और सबूतो को प्रस्तुत किया गया एंव विधि संगत तर्क प्रस्तुत किए गए एंव आरोपी को कडी से कडी सजा देने एवं पीड़िता को प्रतिकर दिलाये जाने की मांग भी की गई। जिला अभियोजन अधिकारी / विशेष लोक अभियोजक के द्वारा विशेष रूचि लेकर गवाहों एवं सबूतों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया एवं तर्क दिया गया कि अभियुक्त के द्वारा मासूम पीड़िता के साथ ऐसा घिनौना कृत्य किया जाना समाज में एक बुरे परिणाम की ओर इंगित करता है।
जिला अभियोजन अधिकारी सिवनी के सबूतो एवं तर्को से सहमत होते हुए माननीय विशेष न्यायाधीश महोदय द्वारा दिनांक 17 जनवरी 2023 को निर्णय पारित करते हुए आरोपी धारा-376 (एबी) भादवि में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3000 रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया एवं पीड़िता को प्रतिकर अधिनियम 2015 के अतर्गत पीड़िता को 2,00,000 रुपए राहत राशि अभियोजन द्वारा विशेष रूप से रूचि लेकर प्रदान करवई गई।